भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को चार सहकारी बैंकों पर जुर्माना लगाया है। इनमें मिजोरम अर्बन को-ऑपरेटिव डेवलपमेंट बैंक लिमिटेड, आइजोल, वीटा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, वीटा, श्रीजी भाटिया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई और श्री विनायक सहकारी बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद का नाम शामिल हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने मिजोरम अर्बन को-ऑपरेटिव डेवलपमेंट बैंक लिमिटेड, आइजोल (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ) के अंतर्गत जारी विशिष्ट निदेशों और ‘भारतीय रिज़र्व बैंक (अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)) निदेश, 2016’ के कतिपय प्रावधान के अननुपालन के लिए 20,000 रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
वीटा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, वीटा, महाराष्ट्र (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26-ए के प्रावधानों और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘जमा खातों के रखरखाव’ संबंधी निदेशों के उल्लंघन के लिए 1.50 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
इसके अलावा, श्रीजी भाटिया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ) के अंतर्गत जारी विशिष्ट निदेशों और ‘भारतीय रिज़र्व बैंक (अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)) निदेश, 2016’ के अननुपालन के लिए 1.00 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
इसी तरह, श्री विनायक सहकारी बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद (गुजरात) (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) द्वारा अन्य बैंकों में जमाराशि रखने’ संबंधी निदेशों के उल्लंघन के लिए 1.50 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है, आरबीआई की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार।