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शाह ने की सीआरसीएस कार्यालय के कम्प्यूटरीकरण कार्य की समीक्षा

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में केंद्रीय सहकारी समितियों के पंजीयक (सीआरसीएस) के कार्यालय के कम्प्यूटरीकरण की प्रगति की समीक्षा की। सहकारिता मंत्रालय के सचिव, अवर सचिव और कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने समीक्षा बैठक में भाग लिया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘सहकार से समृद्धि’ के विज़न को साकार करने की दिशा में जुलाई 2021 में गठित सहकारिता मंत्रालय ने अब तक सहकारिता क्षेत्र में ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। इन कदमों के अंतर्गत बहुराज्यीय सहकारी समितियों (एसएससीएस) की सभी गतिविधियों, जिनमें नई समितियों का पंजीकरण भी शामिल है, को सुगम बनाने  के लिए एक डिजिटल इकोसिस्टम तैयार करने की दिशा में केंद्रीय सहकारी समितियों के पंजीयक (सीआरसीएस) के कार्यालय का कम्प्यूटरीकरण किया जा रहा है।

केंद्रीय सहकारी समितियों के पंजीयक का कार्यालय बहुराज्यीय सहकारी समितियाँ (एमएससीएस) अधिनियम, 2002 को लागू करने की प्रक्रिया भी देखता है। कम्प्यूटरीकरण के अंतर्गत एक सॉफ्टवेयर और पोर्टल डेवलप किया जा रहा है जिन्हें 26 जून, 2023 तक लॉंच करने का लक्ष्य रखा गया है।

समीक्षा बैठक के दौरान, केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने निर्देश दिए कि सीआरसीएस कार्यालय द्वारा प्रतियोगिताओं के माध्यम से युवाओं को भी इस पोर्टल के बेहतर उपयोग और विश्लेषण में शामिल किया जाए। कम्प्यूटरीकरण होने से नए एमएससीएस के पंजीकरण और मौजूदा एमएससीएस के काम करने की प्रक्रिया को सुगम बनाने में काफी मदद मिलेगी।

कम्प्यूटरीकरण का काम शुरू हो चुका है और सॉफ़्टवेयर का वर्जन – l मौजूदा एमएससीएस अधिनियम और नियमों पर आधारित है। परियोजना के वर्जन II में एमएससीएस अधिनियम और नियमों में प्रस्तावित संशोधनों को शामिल किया जाएगा और यूज़र फीडबैक के आधार पर कमियों को दूर करके प्रारंभिक संस्करण को सुधारा जाएगा।

डेवलप किया जा रहे सॉफ्टवेयर से सीआरसीएस कार्यालय में इलेक्ट्रॉनिक वर्कफ्लो के माध्यम से समयबद्ध तरीके से आवेदन / सेवा के अनुरोधों की प्रोसेसिंग में सहायता मिलेगी। इसमें इलेक्ट्रॉनिक रूप से , ओटीपी आधारित उपयोगकर्ता पंजीकरण, एमएससीएस अधिनियम और नियमों के पालन के लिए सत्यापन जांच, वीडियो कॉर्फ्रेंसिग के माध्यम से सुनवाई, पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी करने और अन्य संचार के प्रावधान होंगे।

 

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