ताजा खबरें

सीएम ने लॉन्च किया एनसीडीसी का मेघालय पिगरी मिशन

मेघालय सरकार ने सहकारिताओं के लिए शीर्ष वित्तपोषण निकाय ‘एनसीडीसी’ की सहायता से भारत की सबसे बड़ी सूअर पालन परियोजना का सूत्रपात किया है।

एनसीडीसी की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, मेघालय के सीएम कोनराड संगमा ने वित्तीय सहायता की पहली किश्त के रूप में लगभग 53 करोड़ रुपये के अंतरण पर राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, यह परियोजना तत्काल लागू की जाएगी, क्योंकि यह गाँवों में किसानों की आर्थिक दशा एवं दिशा को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती है।

उन्होंने माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का किसानों की आय दोगुनी करने के आह्वान के लिए धन्यवाद किया, जिसके लिए यह परियोजना निर्देशित है। इस परियोजना में ‘आत्मनिर्भर भारत’ शामिल है क्योंकि यह न केवल मेघालय में सूअर-मांस के आयात का विकल्प बनेगा, बल्कि स्वच्छ सूअर-मांस उत्पादों का निर्यात भी करेगा।

इस कार्यक्रम में श्री प्रिस्टोन तिनसॉन्ग, उप मुख्यमंत्री, मेघालय ने भी भाग लिया।

अपने स्वागत भाषण में, एनसीडीसी के एमडी और पिग्गरी मिशन की रूपरेखा तैयार करने वालों  में से एक सुदीप कुमार नायक ने इस मिशन के बारे में जानकारी दी और कहा, “यह न केवल राज्य के किसानों को मजबूत करेगा बल्कि इससे राज्य के सहकारी आंदोलन का उदय होगा। इससे रोजगार भी मिलेगा”, उन्होंने कहा।

बता दें कि राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) ने “मेघालय सूअर पालन मिशन” के अंतर्गत सहकारिताओं के माध्यम से सूअर पालन क्षेत्र को विकसित करने के लिए मेघालय सरकार की 220.50 करोड़ रुपये की  परियोजना को मंजूरी दी है।

परियोजना के तहत 300 दूरस्थ सूअर प्रजनन फार्म, छोटे पशुवधशालाओं, उत्पाद परिवहन हेतु छोटे वाहन और “पोर्क वेंडिंग कियोस्क” स्थापित करने की परिकल्पना की गई है। इसमें निर्यात के लिए सूअर चारा भंडारण इकाई, गुणवत्ता प्रमाणन सुविधा और प्रसंस्कृत उत्पादों के लिए पायलट सुविधा, ब्रांड संवर्धन और निर्यात हेतु बाजार समर्थन शामिल हैं।

परियोजना शीत श्रृंखला का समर्थन करने के लिए प्रशीतित परिवहन वाहन भी प्रदान करेगी। यह पूर्वोत्तर में एनसीडीसी द्वारा स्वीकृत की गई सबसे बड़ी परियोजना है और देश में सूअर पालन क्षेत्र के विकास की पहली परियोजना है।

मेघालय राज्य सरकार ने सूअर-पालन मिशन के कार्यान्वयन की रूपरेखा तैयार की है। इसमें मेघालय पशुधन उद्यम उन्नति समिति (एम-लीड्स) के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में क्रमशः प्रधान सचिव (पशुपालन और पशु चिकित्सा) एवं आयुक्त तथा सचिव(वित्त और सहकारिता विभाग) को नियुक्त किया गया है।

एम-लीड्स के शासी निकाय में समुदाय एवं ग्रामीण विकास विभाग, मेघालय बेसिन विकास प्राधिकरण, मेघालय राज्य ग्रामीण आजीविका समिति तथा मेघालय राज्य सर्वोच्च बैंक जैसे अन्य महत्वपूर्ण हितधारकों का भी प्रतिनिधित्व है।

208 सहकारी समितियों को पहले से ही सूअर पालन मिशन और एम-लीड्स के कार्यान्वयन के लिए पहचाना जा चुका है और राज्य सरकार अब सूअर पालन मिशन के कार्यान्वयन के लिए तैयार है।

यह परियोजना पशुपालन और पशु चिकित्सा विभाग, मेघालय सरकार द्वारा “मेघालय सूअर पालन एवं पशुधन विकास सोसाइटी” (एम.पी.एल.डी.एस.) और “मेघालय बेसिन प्रबंधन एजेंसी” (एम.बी.एम.ए.) के सहयोग से कार्यान्वित की जाएगी, जिसमें एकीकृत ग्राम सहकारी समितियां (आई.वी.सी.एस.) और सूअर पालन विकास के क्षेत्र में कार्य कर रही सहकारी समितियां शामिल हैं।

मेघालय सूअर पालन मिशन (एम.पी.एम.) का उद्देश्य सूअर मांस के उत्पादन की  मात्रा में बहुत अधिक वृद्धि करना है, ताकि न केवल पूर्वोत्तर क्षेत्र की मांग को पूरा किया जा सके बल्कि “एक्ट ईस्ट नीति” के अनुरूप दक्षिण पूर्व एशिया को भी निर्यात किया जा सके।

यह परियोजना मेघालय में कमजोर वर्गों की समितियों के लिए बहुउद्देशीय सहकारी अवसंरचना, अच्छी तरह से व्यवस्थित बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज, साफ़ स्वच्छ सूअर/सूअर उत्पादों के उत्पादन और विपणन के माध्यम से स्थायी आजीविका विकास जैसे उद्देश्यों को पूरा करने के लिए प्रस्तावित है, प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक।

Tags
Show More

Related Articles

Back to top button
Close