
कर्नाटक के बेलगावी जिले में स्थित श्री अरिहंत मल्टी-स्टेट को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसायटी प्रौद्योगिकी सशक्तिकरण की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति कर रही है। सोसायटी जल्द ही कोर बैंकिंग सॉल्यूशन (सीबीएस) लागू करने जा रही है और इसके साथ ही मोबाइल बैंकिंग एप्लिकेशन भी लॉन्च करने की योजना बना रही है।
डिजिटल परिवर्तन के साथ-साथ संस्था भौगोलिक विस्तार की दिशा में भी कदम बढ़ा रही है। वर्तमान में कर्नाटक और महाराष्ट्र में कार्यरत यह सोसायटी अब गोवा में भी अपनी शाखाएं खोलने की योजना बना रही है।
स्व. सहकार रत्न रावसाहेब ए. पाटिल द्वारा स्थापित यह संस्था आज उनके पुत्र अभिनंदन पाटिल के नेतृत्व में निरंतर प्रगति कर रही है। अभिनंदन पाटिल अपने पिता के सपनों को साकार करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
भारतीय सहकारिता से बातचीत में संस्था के सीईओ ए.जे. बांकेपुरे ने बताया, “हम विकास के पथ पर हैं और सोसायटी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। फिलहाल हमारा कारोबार लगभग 2,600 करोड़ रुपये का है और हमने इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 3,000 करोड़ रुपये के कारोबार को छूने का लक्ष्य रखा है।”
उन्होंने आगे कहा, “वर्तमान में हमारी 61 शाखाएं संचालित हैं, जिनमें से 10 महाराष्ट्र में और शेष कर्नाटक में स्थित हैं। केंद्रीय रजिस्ट्रार की स्वीकृति मिलने के बाद हम गोवा में 16 नई शाखाएं खोलने की योजना पर काम कर रहे हैं। सीबीएस और मोबाइल बैंकिंग की शुरुआत से हमारी प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता और भी मजबूत होगी।”
संस्था के लगभग 16,000 सदस्य हैं, जिनमें से 10,000 से अधिक सक्रिय किसान हैं। सोसायटी किसानों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए विशेष वित्तीय सेवाएं प्रदान करती है। साथ ही, शेयरधारकों को 12 प्रतिशत लाभांश भी दिया जाता है।
1990 में केवल 870 सदस्यों, 4.35 लाख रुपये की शेयर पूंजी और 5.45 लाख रुपये की जमा राशि से शुरू हुई इस संस्था ने अपने पहले वर्ष में 8.45 लाख रुपये के ऋण वितरित किए और 27,216 रुपये का मुनाफा कमाया।
2002 में इसका नाम बदलकर “श्री अरिहंत क्रेडिट सौहार्द सहकारी लिमिटेड, बोरगांव” कर दिया गया।
गोवा में विस्तार और डिजिटल सेवाओं की शुरुआत के साथ, यह सोसायटी आज देशभर में क्रेडिट कोऑपरेटिव क्षेत्र में एक प्रेरणास्रोत के रूप में उभर रही है।