
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के विजन को साकार करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले सप्ताह शनिवार को ओडिशा के पुरी में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ का राष्ट्रव्यापी शुभारंभ किया। इस मौके पर ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंह देव भी उनके साथ उपस्थित रहे।
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने देश के सभी किसान भाई-बहनों से इस अभियान से जुड़ने की अपील की और कहा कि “यह अभियान न केवल किसानों को आधुनिक तकनीकों से जोड़ने का माध्यम बनेगा, बल्कि भारत को वैश्विक खाद्य शक्ति बनाने की दिशा में मील का पत्थर भी साबित होगा।”
अभियान के तहत देशभर में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, कृषि मंत्रालय, राज्य सरकारों, कृषि विज्ञान केंद्रों और विश्वविद्यालयों की मदद से वैज्ञानिकों की 2170 टीमें गठित की गई हैं। ये टीमें 29 मई से 12 जून तक चलने वाले अभियान के दौरान गांव-गांव जाकर किसानों से सीधा संवाद करेंगी और उन्हें क्षेत्रीय जलवायु, मिट्टी, पानी और बीज चयन जैसी जरूरी जानकारियां देंगी।
चौहान ने कहा, “अब वैज्ञानिक लैब में नहीं, लैंड में बैठेंगे। किसान जब खेत में बीज बोता है, वह केवल फसल नहीं, बल्कि भविष्य बोता है।”
इस 15 दिवसीय अभियान के तहत 16,000 वैज्ञानिक पूरे देश के 700 जिलों में लगभग 1.5 करोड़ किसानों तक पहुंचेंगे। हर टीम प्रतिदिन दो गांवों का दौरा करेगी। किसानों को फसल उत्पादन बढ़ाने, प्राकृतिक खेती, तिलहन-दलहन की खेती और उर्वरक प्रबंधन जैसे विषयों पर प्रशिक्षित किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री ने हाल ही में घोषित 14 खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि का भी उल्लेख करते हुए कहा कि यह सरकार की किसानों के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उन्होंने आईसीएआर के वैज्ञानिकों की भी सराहना की जो लगातार नई किस्मों के बीज विकसित कर रहे हैं।
चौहान ने पुरी स्थित केवीके परिसर में नए सम्मेलन सभागार का उद्घाटन किया और मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री के साथ मिलकर पौधारोपण भी किया। इस दौरान उन्होंने ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के अंतर्गत आयोजित तिरंगा यात्रा में भी भाग लिया।
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने अभियान की सराहना करते हुए कहा, “यह पहल किसानों में आधुनिक कृषि तकनीकों और नई बीज किस्मों को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए भारत सरकार का एक अद्वितीय प्रयास है। यह अभियान प्रधानमंत्री मोदी के ‘विकसित भारत’ के संकल्प को आगे बढ़ाएगा।”
‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि भारतीय कृषि के भविष्य को नई दिशा देने वाली ऐतिहासिक पहल है। वैज्ञानिकों और किसानों के बीच यह सीधा संवाद, नवाचार और परंपरा के संगम के रूप में कार्य करेगा, जिसकी गूंज आने वाले वर्षों तक देशभर में सुनाई देगी।