
दक्षिण भारत के किसानों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए, इफको ने कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में अपना पहला नैनो यूरिया संयंत्र स्थापित किया है। अत्याधुनिक तकनीकों से लैस यह हाई-टेक संयंत्र न केवल कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और केरल जैसे राज्यों के किसानों को लाभ पहुंचाएगा, बल्कि क्षेत्रीय कृषि को नई ऊर्जा, दक्षता और उत्पादकता के साथ आगे बढ़ाने में भी अहम भूमिका निभाएगा।
यह संयंत्र केवल एक उत्पादन केंद्र नहीं, बल्कि दक्षिण भारत में हरित क्रांति के दूसरे चरण की शुरुआत का प्रतीक है, जहां सतत विकास, स्मार्ट खेती और आत्मनिर्भरता जैसे लक्ष्यों को प्राथमिकता दी गई है।
हालांकि संयंत्र अभी परीक्षण चरण में है, लेकिन इसकी स्वचालित प्रणाली, स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग और न्यूनतम मानव हस्तक्षेप की वजह से यह काफी सुर्खियां बटोर रहा है। यह संयंत्र प्रतिदिन 500 एमएल की दो लाख नैनो यूरिया प्लस की बोतलें तैयार करने की क्षमता रखता है, जो इफको की पेटेंट तकनीक पर आधारित है।
भारतीय सहकारिता टीम ने हाल ही में इस संयंत्र का दौरा किया और वहां की उन्नत मशीनरी, कुशल प्रबंधन और नवाचार को देखकर अत्यंत प्रभावित हुई। यह इफको की भारत में पांचवीं नैनो फर्टिलाइजर उत्पादन इकाई है, लेकिन दक्षिण भारत में अपनी तरह की पहली यूनिट है, जिसे विशेष रूप से वहां के किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखकर विकसित किया गया है।
इफको के वरिष्ठ महाप्रबंधक एवं संयंत्र प्रमुख श्री संजय कुलश्रेष्ठ ने भारतीय सहकारिता टीम को संयंत्र का विस्तृत दौरा कराया और इसकी तकनीकी क्षमताओं से अवगत कराया। उन्होंने बताया, “यह अत्याधुनिक संयंत्र प्रतिदिन दो लाख बोतलों का उत्पादन करने में सक्षम है। यह दक्षिण भारत में पारंपरिक यूरिया की खपत को बड़े पैमाने पर कम करेगा, जिससे आयात पर निर्भरता घटेगी और सटीक खेती को बढ़ावा मिलेगा।”
संयंत्र का संचालन एक कंट्रोल्ड एनवायरनमेंट में होता है, जहां कच्चे माल की स्क्रीनिंग से लेकर अंतिम उत्पाद परीक्षण तक की हर प्रक्रिया फर्टिलाइजर कंट्रोल ऑर्डर (एफसीओ) के सख्त मानकों के तहत की जाती है। संयंत्र में एक एनएबीएल-मान्यता प्राप्त क्वालिटी कंट्रोल लैब भी है, जो उत्पाद की गुणवत्ता सुनिश्चित करता है।
12 एकड़ में फैला यह संयंत्र केवल एक उत्पादन इकाई नहीं, बल्कि स्थायी विकास और कृषि नवाचार का जीवंत प्रतीक बन चुका है। इस परियोजना को न केवल समय पर, बल्कि बजट के अंदर सफलतापूर्वक पूरा किया गया, जिससे इफको ने उद्योग जगत में कार्य निष्पादन, सुरक्षा और लागत नियंत्रण के नए उच्च मानदंड स्थापित किए हैं।
इफको का नैनो यूरिया आज कृषि क्षेत्र में गेम-चेंजर साबित हो रहा है। यह मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने, नाइट्रोजन के अवशोषण में सुधार लाने, जल की खपत घटाने और कार्बन उत्सर्जन को कम करने जैसे कई लाभ प्रदान करता है।
भविष्य को ध्यान में रखते हुए, इफको जल्द ही नए ग्रेड के नैनो फर्टिलाइजर्स लॉन्च करने की योजना बना रहा है। साथ ही सौर ऊर्जा प्रणाली, सामुदायिक कल्याण कार्यक्रम, और वृक्षारोपण अभियान जैसी पहलों को भी गति दी जाएगी, जो इफको के समग्र ग्रामीण विकास दृष्टिकोण को रेखांकित करती हैं।
गौरतलब है कि हाल ही में इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. यू.एस. अवस्थी ने इस संयंत्र का दौरा किया और अधिकारियों से संवाद किया था।