
उत्तर प्रदेश राज्य सहकारी बैंक ने वित्त वर्ष 2024-25 में 6.84% की वृद्धि के साथ 27,188.97 करोड़ रुपये का कुल कारोबार हासिल किया।
बैंक का शुद्ध लाभ 37.56% बढ़कर 100.24 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वर्ष 72.87 करोड़ रुपये था। एक महत्वपूर्ण उपलब्धि यह रही कि बैंक की जमा राशि 14.91% बढ़कर 13,116.72 करोड़ रुपये हो गई, जो पहले 11,414.51 करोड़ रुपये थी।
बैंक की वित्तीय रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए, प्रबंध निदेशक राजेश कुमार कुलश्रेष्ठ ने इस सफलता का श्रेय राज्य सहकारिता मंत्री जे.पी.एस. राठौर, प्रमुख सहकारिता सचिव सौरभ बाबू, सहकारिता रजिस्ट्रार अनिल कुमार सिंह, बैंक के अध्यक्ष जितेंद्र बहादुर, निदेशक मंडल, शेयरधारकों और अन्य हितधारकों को दिया। उन्होंने आश्वासन दिया कि बैंक अपनी प्रदर्शन क्षमता को और बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयास जारी रखेगा।
सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि यह रही कि ग्रॉस एनपीए में 11.92% की गिरावट दर्ज की गई, जो 3.06% से घटकर 2.70% हो गया। वहीं, नेट एनपीए 0.00% पर बना रहा, जो बैंक के मजबूत ऋण प्रबंधन को दर्शाता है।
यूपीसीबी ने राज्य के वाणिज्यिक बैंकों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया और 72% से अधिक का क्रेडिट-डिपॉजिट अनुपात हासिल किया, जो राज्य के समग्र बैंकिंग क्षेत्र के सीडी अनुपात (61%) से काफी अधिक है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस उपलब्धि की सराहना करते हुए कहा कि राज्य में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की सक्रिय नीतियां प्रभावी हो रही हैं। उन्होंने याद दिलाया कि 2017 से पहले सहकारी बैंक और प्राथमिक कृषि ऋण समितियां संकट में थीं, लेकिन सरकार के हस्तक्षेप से इस क्षेत्र को पुनर्जीवित करने में मदद मिली।
मार्च 2017 में योगी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान, यूपीसीबी का कुल कारोबार 13,237 करोड़ रुपये था, जो वित्त वर्ष 2023-24 में 25,500 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। यानी आठ वर्षों में 11,700 करोड़ रुपये की वृद्धि दर्ज की गई।