ताजा खबरेंविशेष

देश ने मिल्क मैन को उनकी 103वीं जयंती पर किया याद

मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अंतर्गत पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी) ने नई दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में राष्ट्रीय दुग्ध दिवस 2024 मनाया। इस कार्यक्रम में भारत में श्वेत क्रांति के जनक डॉ. वर्गीज कुरियन की 103वीं जयंती मनाई गई।

उनकी विरासत का सम्मान करने के लिए नीति निर्माताओं, किसानों और उद्योग जगत के नेताओं एक मंच पर जुटे थे। कार्यक्रम में केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी और पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ​​ललन सिंह मुख्य अतिथि के रूप में तथा राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल व जॉर्ज कुरियन सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

इस कार्यक्रम में देश भर से पशुधन और डेयरी क्षेत्र से जुड़े लोगों ने भाग लिया। समारोह के दौरान केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल और श्री जॉर्ज कुरियन के साथ मिलकर तीन श्रेणियों में विजेताओं को राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार प्रदान किए।

ये पुरस्कार हैं : स्वदेशी गाय/भैंस की नस्लों का पालन करने वाले सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान, सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन और सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी समिति (डीसीएस)/दूध उत्पादक कंपनी/डेयरी किसान उत्पादक संगठन। पूर्वोत्तर क्षेत्र के विजेताओं को प्रत्येक श्रेणी में नए शुरू किए गए विशेष पुरस्कार भी दिए गए।

केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने अपने संबोधन में भारतीय अर्थव्यवस्था में डेयरी क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया। उन्होंने कहा कि डेयरी क्षेत्र का राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में 5 प्रतिशत का योगदान है और इसमें 8 करोड़ से अधिक किसानों को सीधे रोजगार मिल रहा है जिनमें से अधिकांश महिलाएं हैं। दूग्ध उत्पादन के मामले में भारत पहले स्थान पर है  जो वैश्विक दूध उत्पादन में 24 प्रतिशत का योगदान देता है। 2022-23 में दूध उत्पादन 230.58 मिलियन टन तक पहुंच जाएगा।

उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि 2022-23 में भारत की प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 459 ग्राम प्रतिदिन है जो 2022 में विश्व औसत 323 ग्राम प्रतिदिन से काफी अधिक है। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे देश दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है, इसमें डेयरी क्षेत्र का योगदान भी बढ़ता जाएगा।

उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि डेयरी क्षेत्र में असंगठित क्षेत्र को संगठित क्षेत्र के अंतर्गत लाया जाना चाहिए क्योंकि इससे किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी। केंद्रीय मंत्री ने सहकारी समिति के गुजरात मॉडल की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह एक ऐसा उदाहरण है जो बिचौलियों को कम करके अच्छा काम कर रहा है।

उन्होंने कहा कि यह मॉडल किसानों की आय को कई गुना बढ़ाने में सक्षम हैं। केंद्रीय मंत्री ने डेयरी फार्मिंग में सेक्स सॉर्टेड सीमेन जैसी तकनीकों को शामिल करने और इस क्षेत्र में कवरेज को मौजूदा 35 प्रतिशत से बढ़ाकर 70 प्रतिशत से अधिक करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

उन्होंने कहा कि पशुधन डेटा तैयार किया जा रहा है, नस्ल सुधार पर व्यापक स्तर काम किया जा रहा है। इसके साथ ही खुरपका और मुंहपका रोग तथा ब्रुसेलोसिस के लिए नि:शुल्क टीके लगाए जा रहे हैं ताकि 2030 तक इन रोगों को खत्म किया जा सके। इन सभी पहलों का उद्देश्य भारत को आने वाले दिनों में दूध निर्यातक बनाना है।

Tags
Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Close