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आरबीआई ने पांच सहकारी बैंकों पर लगाया जुर्माना, एक पर दिशा-निर्देश

भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले सप्ताह पांच सहकारी बैंकों पर 60.30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया और साईबाबा जनता सहकारी बैंक, महाराष्ट्र पर जारी दिशा-निर्देशों की अवधि को तीन महीने के लिए बढ़ा दिया।

आरबीआई ने राजकोट नागरिक सहकारी बैंक, जिला सहकारी बैंक, कोटद्वार, राजधानी नगर सहकारी बैंक, देहरादून जिला सहकारी बैंक और कांगड़ा सहकारी बैंक पर जुर्माना लगाया है।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने राजकोट नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, राजकोट (बैंक) पर ‘निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और फर्मों/ संस्थाओं, जिसमें उनके हित हों, को ऋण और अग्रिम’ के साथ पठित ‘निदेशक मंडल – यूसीबी’ संबंधी भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के लिए 43.30 लाख रुपये का मौद्रिक जुर्माना लगाया।

आरबीआई ने जिला सहकारी बैंक लिमिटेड, गढ़वाल, कोटद्वार, उत्तराखंड (बैंक)  पर बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 20(1)(बी) और धारा 26ए(2) के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए पर 5.00 लाख रुपये का मौद्रिक जुर्माना लगाया है।

इसके अलावा, ‘राजधानी नगर सहकारी बैंक लिमिटेड, लखनऊ (बैंक) पर शहरी सहकारी बैंकों को आय निर्धारण और परिसंपत्ति वर्गीकरण और अन्य संबंधित मामलों – पर जारी निदेशों का उल्लंघन के लिए 5.00 लाख रुपये मात्र का मौद्रिक दंड लगाया है।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, देहरादून, उत्तराखंड (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 20 (1)(बी) के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए 2.00 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।

दि कांगड़ा को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नई दिल्ली (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए बुनियादी साइबर सुरक्षा ढांचा, और ‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों के लिए वृहत् साइबर सुरक्षा ढांचा – एक क्रमिक दृष्टिकोण’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए 5.00 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।

यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

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