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अमूल ने भारत को किया गौरवान्वित; विश्व स्तर पर दूसरे स्थान पर

अमूल ब्रांड नाम से विभिन्न उत्पाद बेचने वाली ‘गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन’ (जीसीएमएमएफ) ने वर्ल्ड कोऑपरेटिव मॉनिटर में दुनिया की शीर्ष 300 सहकारी समितियों मे दूसरा स्थान हासिल किया है।

यह रैंकिंग प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर कारोबार के अनुपात पर आधारित है। यह घोषणा इंटरनेशनल कोऑपरेटिव अलायंस (आईसीए) और यूरोपियन रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑन कोऑपरेटिव एंड सोशल एंटरप्राइजेज (यूरिकसे) द्वारा वर्ल्ड कोऑपरेटिव मॉनिटर- 2023 संस्करण लॉन्चिंग के दौरान की गई।

इस रिपोर्ट में विश्व स्तर पर शीर्ष 300 सहकारी समितियों के बारे में उल्लेख किया गया है। अमूल के बाद, फ्रांस की ग्रुप क्रेडिट एग्रीकोल और ब्राज़ील सिस्टेमा यूनिमेड ने तीसरा और चौथा स्थान प्राप्त किया है। वहीं ब्राजील के कोपरसुकर एसए ने पांचवां स्थान हासिल किया।

अमूल की स्थापना 1946 में हुई थी और यह भारत के डेयरी सहकारी क्षेत्र को मजबूत करने के लिए एक सफल सहकारी मॉडल साबित हुई है।केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कई अवसरों पर भारत के डेयरी सहकारिता आंदोलन की जड़ें को मजबूत करने में अमूल की प्रशंसा की है।

वर्ल्ड कोआपरेटिव मॉनिटर एक परियोजना है जिसे दुनिया भर में सहकारी समितियों के बारे में मजबूत आर्थिक, संगठनात्मक और सामाजिक आंकड़ा एकत्र करने के लिए बनाया गया है। यह दुनिया की शीर्ष 300 सहकारी समितियों और उनके सहयोगियों के प्रमुख आर्थिक और रोजगार डेटा पर रिपोर्ट करने के लिए प्रत्येक वर्ष प्रकाशित किया जाता है।

यूरिक्से ट्रेंटो (इटली) में स्थित एक शोध संस्थान है, जिसका ध्येय सहकारी समितियों, सामाजिक उद्यमों और वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन में लगे अन्य गैर-लाभकारी संगठनों के क्षेत्र में ज्ञान विकास और नवाचार को बढ़ावा देना और इस प्रकार के संगठनों के बारे में गहरी समझ विकसित करना तथा आर्थिक और सामाजिक विकास पर उनके प्रभाव का अध्ययन करना है।

यूरिक्से की गतिविधियों का उद्देश्य सहकारी और सामाजिक उद्यम संबंधी अनुसंधान में हो रहे बिखराव को कम करना तथा वैज्ञानिक और राजनीतिक बहस में इस क्षेत्र की उपस्थिति को मजबूत करना है।

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