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आदर्श सोसायटी के जमाकर्ताओं को राहत नहीं; लिक्विडेटर का कार्यकाल बढ़ा

सेंट्रल रजिस्ट्रार ऑफ कोऑपरेटिव सोसाइटी विजय कुमार ने संकटग्रस्त आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी में नियुक्त लिक्विडेटर का कार्यकाल एक बार फिर बढ़ा दिया है।

केंद्रीय रजिस्ट्रार के कार्यालय की ओर से जारी एक आदेश के मुताबिक, “आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, अहमदाबाद, गुजरात के परिसमापन कार्य को पूरा करने के लिए अधिक समय की आवश्यकता होगी और ऐसा माना गया है परिसमापक का कार्यकाल 29 नवंबर, 2023 से बारह महीने की अतिरिक्त अवधि के लिए बढ़ाना समीचीन है।”

इस बीच भारतीय सहकारिता से फोन पर बात करते हुए लिक्विडेटर के कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा, “आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी से जुड़ा मामला अदालत में विचाराधीन है। प्रवर्तन निदेशालय और अन्य जांच एजेंसियों ने सोसाइटी की संपत्तियों को जब्त किया हुआ है और सोसायटी के खाते फ्रीज कर दिए हैं। इसके कारण हम निवेशकों का पैसा चुकाने के लिए संपत्तियों को बेचने/नीलामी करने में असमर्थ हैं। इस मामले पर अगली सुनवाई 14 दिसंबर 2023 के लिए निर्धारित है।”

पाठकों को याद होगा कि सीआरसीएस ने 2018 में आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के परिसमापन का आदेश दिया था और एचएस पटेल, आईएएस (सेवानिवृत्त) को परिसमापक के रूप में नियुक्त किया था। लेकिन पांच साल बीत जाने के बाद भी निवेशक अपना पैसा वापस पाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं।

कई निवेशकों ने सोशल मीडिया पर केंद्र सरकार, खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए मदद की गुहार लगाई है।

आदर्श क्रेडिट को-ऑप के संस्थापक अध्यक्ष मुकेश और उनके परिवार के सदस्यों पर पोंजी स्कीम चलाने और कई फर्जी कंपनियां बनाने का आरोप है, जिनमें उन्होंने 8400 करोड़ रुपये का हेरफेर किया।

आदर्श क्रेडिट सोसायटी में 8 साल में 20 लाख लोगों ने 14,682 करोड़ रुपये का निवेश किया।

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