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सात दिन में आरबीआई ने सात यूसीबी पर ठोका जुर्माना

भारतीय रिजर्व बैंक ने सात दिन में सात सहकारी बैंकों पर जुर्माना लगाया। इन बैंकों में जव्हार अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पालघर, अण्णासाहेब मगर सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, जनता अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, वई, गुजरात मर्केंटाइल कोऑपरेटिव बैंक, मकरपुरा इंडस्ट्रियल एस्टेट कोऑपरेटिव बैंक, सेवलिया अर्बन कोऑपरेटिव बैंक और नागरिक सहकारी बैंक शामिल हैं।

आरबीआई ने जनता अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, वई, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘धोखाधड़ी की निगरानी और रिपोर्टिंग पद्धति’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए 1.00 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।

दि जव्हार अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पालघर, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए 1.00 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।

इसके अलावा, भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 15 सितंबर 2023 के आदेश द्वारा अण्णासाहेब मगर सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) निदेश, 2016’, ‘जमा खातों का रखरखाव – प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक’, तथा ‘आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण और अन्य संबंधित मामले – शहरी सहकारी बैंक संबंधी निदेशों के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए 4.00 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।

इसी तरह, भारतीय रिज़र्व बैंक ने नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, बाबरा, गुजरात (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 26 ए (2) और ‘निदेशकों, रिश्तेदारों, फर्मों/ संस्थाओं, जिसमें उनके हित हों, को ऋण और अग्रिम, ‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) द्वारा अन्य बैंकों में जमाराशि रखना’ और ‘सहकारी बैंक – जमाराशियों पर ब्याज दर’ संबंधी भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के उल्लंघन के लिए 2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है।

मकरपुरा इंडस्ट्रियल इस्टेट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जिला वडोदरा, गुजरात (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 26ए (2) और ‘निदेशकों, रिश्तेदारों, फर्मों/संस्थाओं, जिसमें उनके हित हों, को ऋण और अग्रिम’ संबंधी भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के उल्लंघन के लिए 2.00 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने गुजरात मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) द्वारा अन्य बैंकों में जमाराशि रखना’ और ‘आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) का रखरखाव’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए 4.50 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।

दि सेवालिया अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सेवालिया,जिला खेड़ा, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशकों आदि को ऋण और अग्रिम – प्रतिभू/ गारंटीकर्ता के रूप में निदेशक – स्पष्टीकरण’ के साथ पठित ‘निदेशकों, रिश्तेदारों और फर्मों/ संस्थाओं, जिनमें उनका हित हो, को ऋण और अग्रिम संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए 50,000 रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।

यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्‍त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

 

 

 

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