ताजा खबरें

कृषि मंत्रालय का “प्रति बूंद अधिक फसल” पर कार्यशाला

देश में सूक्ष्म सिंचाई की पैठ बढ़ाने के लिए हितधारकों के साथ विभिन्न दृष्टिकोण पर चर्चा हेतु कृषि और किसान कल्याण विभाग (डीए एंड एफ डब्ल्यू), कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा बुधवार को द अशोक, चाणक्यपुरी, नई दिल्ली में “प्रति बूंद अधिक फसल (पी डी एम सी)” पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम में केंद्र सरकार, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के विभिन्न मंत्रालयों/विभागों के प्रतिभागी, सिंचाई उद्योग, जल प्रबंधन क्षेत्र में काम करने वाले स्टार्टअप और किसान उत्पादक संगठन के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

मनोज आहूजा, सचिव, कृषि और किसान कल्याण विभाग (डी ए एंड एफ डब्ल्यू) ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उन्होंने कार्यक्रम के कार्यान्वयन में प्रौद्योगिकियों को अपनाने और सूक्ष्म सिंचाई कवरेज को बढ़ाने पर जोर दिया ताकि इसके द्वारा देश की खाद्य और पोषण सुरक्षा तथा किसानों की आय में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए कृषि और विशेष रूप से वर्षा सिंचित क्षेत्रों में जल उत्पादकता में वृद्धि की जा सके।

कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग (डी ए आर ई) के सचिव डॉ. हिमांशु पाठक ने भी उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे कृषि क्षेत्र में जल के उपयोग को कम करने के लिए बड़े पैमाने पर सूक्ष्म सिंचाई को अपनाने के लिए प्रयास करें।

कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव फ्रेंकलिन एल खोबंग ने प्रतिबूंद अधिक फसल (पी डी एम सी) योजना में अब तक हुई प्रगति के बारे में विस्तार से बताया। यह बताया गया कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग (डीए एंड एफ डब्ल्यू) देश के सभी राज्यों में 2015-16 से प्रति बूंद अधिक फसल (पी डी एम सी) की केंद्र प्रायोजित योजना लागू कर रहा है, जो सूक्ष्म सिंचाई अर्थात ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली के माध्यम से खेत स्तर पर जल उपयोग दक्षता बढ़ाने पर केंद्रित है।

कार्यक्रम के दौरान, आंध्र प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र और तमिलनाडु राज्यों की पांच ग्राम पंचायतों को उच्च सूक्ष्म सिंचाई अपनाने और जल प्रबंधन क्षेत्र में उत्तम प्रयासों हेतु सम्मानित किया गया। इसके अलावा, सूक्ष्म सिंचाई में अग्रणी राज्यों ने सूक्ष्म सिंचाई कवरेज और किसानों के बीच उनकी लोकप्रियता को बढ़ाने के लिए अपने राज्यों में अपनाई जा रही परिपाटियों और नवीन तरीकों को साझा किया।

फ्रैंकलिन एल खोबंग, संयुक्त सचिव, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने पी डी एम सी योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए संशोधित दिशानिर्देशों के मसौदे पर हितधारकों के साथ चर्चा की। चर्चा के दौरान, उन्होंने योजना के सफल कार्यान्वयन में विभिन्न हितधारकों की भूमिका पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कार्यान्वयन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने और योजना के उद्देश्यों को प्राप्त करने में सूक्ष्म सिंचाई उद्योगों की भूमिका और राज्य/संघराज्य क्षेत्र की सरकारों द्वारा कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया।

Tags
Show More

Related Articles

Back to top button
Close