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‘लैब से लैंड ट्रांसफर’ के मामले में इफको ने सबको पछाड़ा: शाह

इफको नैनो डीएपी को राष्ट्र को समर्पित करते हुए केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने दो प्रमुख बातों पर जोर दिया। अपने संदेश में उन्होंने न केवल किसानों से दानेदार यूरिया व डीएपी की जगह लिक्विड नैनो यूरिया व डीएपी का प्रयोग करने को कहा बल्कि राष्ट्रीय स्तर की सहकारी समितियों को इफको की अभिनव सोच का अनुसरण करने पर बल दिया।

इफको ने इस कार्यक्रम से ऑनलाइन जुड़ने के लिए लगभग चार करोड़ किसानों को लिंक भेजा था और कार्यक्रम के बीच में बताया गया कि दो करोड़ से अधिक किसान लाइव जुड़े हुए हैं।

शाह ने कहा कि इफको एक विश्वसनीय ब्रांड है और नैनो यूरिया और डीएपी की बोतल पर जो दावा किया गया है उसे भारतीय किसान अपने खेत में प्रयोग करके महसूस कर सकता है। “यह सच है कि नई चीजों को अपनाने में थोड़ी मुश्किल होती है, लेकिन भारत के किसान बहुत प्रगतिशील हैं और मुझे यकीन है कि वह दानेदार यूरिया की जगह लिक्विड नैनो यूरिया व डीएपी का प्रयोग करेंगे”, शाह ने कहा।

“मैं यहां अपने मित्र दिलीप संघानी के निमंत्रण पर आया हूं, जो इफको के अध्यक्ष हैं। यह एक शुभ दिन है क्योंकि उर्वरकों की नैनो रेंज एक परिवर्तनकारी युग की अग्रदूत है”, शाह ने कहा।

नैनो डीएपी के लॉन्च के समय इफको के एमडी डॉ यू एस अवस्थी को मंच पर अपने करीब बुलाते हुए शाह ने कहा कि नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के रूप में दुनिया को दो अनूठे उत्पाद देने में अवस्थी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

शाह ने कहा कि कृषि वैज्ञानिकों द्वारा लैब में किए गये ढेर सारे वैज्ञानिक अनुसंधानों होते रहते हैं लेकिन ‘लैब टू लैंड’ अप्रोच के तहत चीजों को खेत में पहुँचाने में इफको ने असाधारण काम किया है। शाह ने इफको की द्रुत गति से काम करने को भी सराहा और कहा कि सहकारी समिति इफको ने एक ही साल में यूरिया के तीन संयंत्र चालू कर दिए हैं।

अमित शाह ने कहा कि वर्तमान में देश में 384 लाख मीट्रिक टन फर्टिलाइजर का उत्पादन होता है, जिसमें से 132 लाख मीट्रिक टन का उत्पादन सहकारी समितियों द्वारा किया गया है। इस 132 लाख मीट्रिक टन में से इफको ने 90 लाख मीट्रिक टन का उत्पादन किया है।

लेकिन शाह ने इस मौके पर इफको प्रतिनिधियों को कहा कि इसकी सफलता के पश्चात देश में सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने के लिए तत्पर रहे। इस तथ्य का मीडिया से बातचीत के दौरान और स्पष्ट हो गया जब शाह ने कहा कि उन्होंने पंजीकरण और प्रशिक्षण के माध्यम से पैक्स को मजबूत करने के लिए इफको अध्यक्ष से दो राज्यों को अपनाने के लिए बात की है।

शाह ने कहा कि नए पैक्स के लिए कंप्यूटर ऑपरेटरों, विपणन विशेषज्ञों, सहकारी कानूनों और अन्य कौशल जानने वालों जैसे कुशल जनशक्ति की आवश्यकता होगी। उन्होंने सुझाव दिया कि इफको जैसी सहकारी संस्थाएं यहां प्रमुख भूमिका निभा सकती है।

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