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इफको ने नैनो यूरिया की दो और निर्माण इकाइयां स्थापित की

दुनिया की सबसे बड़ी प्रसंस्कृत उर्वरक सहकारी संस्था इफको ने बरेली में इफको आंवला इकाई और फूलपुर इकाई में अपनी दूसरी नैनो यूरिया विनिर्माण इकाई शुरू की।

दोनों इकाइयों में इफको नैनो यूरिया का उत्पादन शुरू हो गया है। इन 2 नए नैनो यूरिया संयंत्रों की क्षमता प्रति दिन दो लाख बोतल होगी। भारतीय उर्वरक क्षेत्र के इतिहास में देश के किसानों के मुनाफ़े के लिए यह एक और उपलब्धि है, इफको की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक।

इफको किसानों के हित में अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में लगातार काम कर रहा है। इफको द्वारा विकसित विश्व का पहला नैनो उर्वरक, नैनो यूरिया, निश्चित रूप से रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करेगा और फसल उत्पादकता को बढ़ाएगा।

यह सतत कृषि की दिशा में एक बड़ा कदम है। इफको के नैनो यूरिया को माननीय प्रधानमंत्री की ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘आत्मनिर्भर कृषि’ की पहल को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया था, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी। इसी तर्ज पर हम जल्द ही देश के किसानों के लाभ और बेहतरी के लिए इफको नैनो डीएपी लेकर आएँगे।

इफको नैनो यूरिया सदी का नवाचार है और यह पोषक तत्व प्रबंधन में आमूलचूल बदलाव लाएगा साथ ही उर्वरक के विकास के लिए नए मानदंड स्थापित करेगा।

नैनो टेक्नोलॉजी में इफको के अनुसंधान एवं विकास वांछित रासायनिक संरचना के साथ वैश्विक स्तर पर उर्वरक उत्पादन को बेहतर बनाने की क्षमता प्रदान करता है, पोषक तत्वों के उपयोग दक्षता में सुधार करता है जो पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को कम करता है और पौधों की उत्पादकता को बढ़ाता है।

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