
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को सिक्किम की राजधानी गंगटोक में ईस्टर्न एंड नॉर्थ-स्टर्न कोऑपरेटिव डेयरी कॉन्क्लेव 2022 का उद्घाटन किया। इस अवसर पर सिक्किम के राज्यपाल गंगा प्रसाद और मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग समेत अनेक गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
मंत्री ने कहा कि एक हिमालयन राज्य में 15 साल पहले कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था कि देश भर की सहकारिता डेयरी कॉन्क्लेव यहां हो सकती है।
उन्होंने कहा कि दूध उत्पादन ही महिला सशक्तिकरण, गरीबी उन्मूलन और किसान की आय दोगुना करने का एकमात्र रास्ता है और सिक्किम में छोटे छोटे किसान भाइयों द्वारा प्रतिदिन दो लाख लीटर दूध उत्पादन देखकर मन को बहुत शांति मिलती है और आनंद की अनुभूति होती है।
शाह ने कहा कि सहकारिता में बहुत संभावनाएं हैं और कोऑपरेटिव सेक्टर गुजरात की जीडीपी का एक बहुत मजबूत स्तंभ है। गुजरात में सिर्फ अमूल फेडरेशन के माध्यम से 36 लाख महिलाओं को 56,000 करोड़ रुपए की सालाना इनकम होती है।
उन्होने कहा कि पूर्वोतर का स्विट्जरलैंड कहा जाने वाला हमारा सिक्किम राज्य सिर्फ खूबसूरती के लिए न जाना जाए बल्कि हर गांव को समृद्ध कर इसे एक समृद्ध और विकसित राज्य के रूप में आगे ले जाना है।
शाह ने कुपोषण, महिला सशक्तिकरण और गरीबों के लिए काम करने वाली एनजीओ से डेयरी पर ध्यान केन्द्रित करने को कहा क्योंकि डेयरी से बड़ा महिला सशक्तिकरण का और कोई काम नहीं हो सकता।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि डेयरी के साथ जो गैस उत्पादन होता है वह पर्यावरण की मदद करता है, गोबर प्राकृतिक खेती में मदद में करता है और प्राकृतिक खेती मनुष्य के स्वास्थ्य में सुधार करती हैं। डेयरी की व्यवस्था कोऑपरेटिव होनी चाहिए क्योंकि अगर यह प्राइवेट होगी तो महिलाओं को कुछ ही रुपया मिलेगा मगर कोऑपरेटिव व्यवस्था में जितना मुनाफा आयेगा वह सारा महिला के बैंक अकाउंट में जमा होगा।
उन्होने कहा कि चाहे गाय है या भैंस है उसके पूरे रखरखाव की चिंता कोऑपरेटिव करेगी और इसीलिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार ने तय किया है कि अगले 5 साल में देश की हर पंचायत में पैक्स और एक डेयरी बनाएंगे। इसका सबसे बड़ा फायदा देश के पूर्वी और पूर्वोत्तर क्षेत्र को होने वाला है क्योंकि यहाँ सबसे कम पैक्स रजिस्टर्ड हैं। अगर पूर्वोत्तर में हर पंचायत के अंदर एक मल्टीपर्पज पैक्स खोलते हैं जिसमें डेयरी भी होगी तो पूर्व और पूर्वोत्तर की समृद्धि को कोई नहीं रोक सकता।
शाह ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड ने हर पंचायत के अंदर एक मल्टीपर्पज पैक्स की योजना बनाई है जो डेयरी, एफपीओ, कृषि और गैस उत्पादन के वितरण का काम करेंगी। साथ ही एलपीजी वितरण और जहां जरूरत है वहां पेट्रोल पंप और भंडारण की व्यवस्था तथा मार्केटिंग की व्यवस्था भी करेंगी।
पैक्स गांव में पीसीओ के माध्यम से सिक्किम जैसे पहाड़ी राज्य के गाँवों को पूरी दुनिया के साथ जोड़ने का भी काम करेंगी। उन्होने कहा कि भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय ने इस प्रकार के मल्टीपर्पज और मल्टीडाइमेंशनल पैक्स की योजना बनाई है।
भारत में 130 करोड़ का मार्केट है। हमारे पड़ोसी देशों में दूध के उत्पाद स्विजरलैंड, नीदरलैंड और ऑस्ट्रेलिया से आते हैं जिनकी परिवहन लागत बहुत अधिक है। हमारे पास भूटान, नेपाल, बंग्लादेश और श्रीलंका जैसे देशों में दूध पहुंचाने का बहुत बड़ा अवसर है।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि पूरे नॉर्थ ईस्ट में आजादी के बाद जितना खर्चा हुआ था प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 10 साल में ही उसे पार कर जाएंगें। मोदी जी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर के हर राज्य में एयरपोर्ट, रेल संपर्क, नए नेशनल हाईवे नेटवर्क, सिंचाई व्यवस्था और नए उद्योग लगे हैं। मोदी जी पूर्वोत्तर को अष्टलक्ष्मी कहते हैं। शाह ने कहा कि हमें इस प्रकार आगे बढ़ना है कि ये आठों राज्य 8 प्रकार की लक्ष्मी का सृजन करने वाले राज्य बनें।