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सहकारिता क्षेत्र के योगदान से भारत तीसरी आर्थिक शक्ति बनेगा: शाह

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में ‘डेयरी क्षेत्र के लिए सहकारी संस्थानों की प्रासंगिकता’ विषय पर विश्व डेयरी शिखर सम्मेलन-2022 को संबोधित किया।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केन्द्रीय पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन मंत्री पुरूषोत्तम रूपाला सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। इस चार दिवसीय सम्मेलन में 50 देशों के लगभग 1500 प्रतिभागियों के भाग लेने की उम्मीद है। 1974 के बाद पहली बार अंतर्राष्ट्रीय डेयरी फ़ेडरेशन के डेयरी शिखर सम्मेलन का आयोजन भारत में हो रहा है।

उन्होने कहा कि 1974 में दुग्ध उत्पादन में भारत जहां खड़ा था उससे बहुत आगे निकालकर आज 2022 में हम आत्मनिर्भर और निर्यातक बनकर दुनिया के सामने खड़े हैं। इस पूरे कालखंड में हमारे करोड़ों पशुपालक भाईयों और विशेषकर बहनों व किसानों के पुरूषार्थ के कारण देश इस क्षेत्र में ना केवल आत्मनिर्भर हुआ है बल्कि हम निर्यात भी कर पा रहे हैं।

केंद्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में गत साल में भारत 11वीं अर्थव्यवस्था से विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और पूर्ण विश्वास है कि जल्द ही हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे जिसमें सहकारिता क्षेत्र बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा।

शाह ने कहा कि जब भारत तीसरे नंबर पर पहुंचेगा तब पूरा विश्व इसमें सहकारिता के योगदान की भी चर्चा करेगा। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने सहकारिता मंत्रालय बनाकर ग़रीबी में जी रहे देश के 70 करोड़ लोगों को देश के अर्थतंत्र में योगदान करने और सम्मान के साथ जीने योग्य बनाने का प्रयास किया है। लाखों छोटे और सीमांत डेयरी किसानों के योगदान से आज भारत विश्व का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश बन गया है और आज डेयरी क्षेत्र में भारत में सबसे ज़्यादा प्रासंगिकता कोऑपरेटिव संस्थानों की है।

सहकारिता मंत्री ने कहा कि कोऑपरेटिव के अलावा समान आर्थिक विकास का मंत्र कोई और मॉडल नहीं दे सकता। भारतीय कोऑपरेटिव डेयरी ने विश्व की सबसे बेहतरीन आपूर्ति श्रंखला का प्रबंधन किया है।

उन्होने कहा कि मोदी सरकार मानती है कि भारत के साथसाथ विश्वभर के गरीब किसानों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाया जाना चाहिए और इसके लिए दुनियाभर के देशों के बीच भारत की अमूल जैसी कोआपरेटिव की सफलता की कहानियों का आदान प्रदान होना चाहिए जिससे पूरे विश्व के लोगों का कल्याण हो सके।

शाह ने कहा कि बेस्ट प्रैक्टिस का एक्सचेंज पूरी दुनिया का विकास करता है और भारत के लोग मानते हैं कि पूरे विश्व में कोऑपरेटिव बननी चाहिए और हर विकासशील और अल्पविकसित देश में गरीबों का जीवन स्तर ऊपर आना चाहिए।

सहकारिता मंत्री ने कहा कि भारत में डेयरी उद्योग का कोआपरेटिव क्षेत्र में 360 डिग्री विकास हुआ है और कोई भी क्षेत्र इससे अछूता नहीं रहा है। कोऑपरेटिव डेयरी अनेक प्रकार के आयामों को छूते हुए देश के विकास में अपना योगदान देती हैं और हम इसके माध्यम से स्वावलंबी बन सकते हैं।

शाह ने कहा कि आज कोऑपरेटिव डेयरी केवल दूध संकलन और उत्पादन तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि उन्होने पशु चारा, चारा बीज, कृत्रिम गर्भाधान और गोबर से खाद व गैस बनाने के साथ-साथ प्रधानमंत्री मोदी जी के गोबर बैंक के प्रयोग को भी आगे बढ़ाया है। उन्होने कहा कि मोदी जी के गोबर बैंक के प्रयोग को पूरी दुनिया को समझना चाहिए क्योंकि इसमें समग्र विश्व के स्वास्थ्य का मूल चिंतन समाहित है।

अमित शाह ने कहा कि विश्वभर के देशों में डेयरी उद्योग में दुग्ध उत्पादन से मुनाफे का सिर्फ 40-50% तक पैसा ही किसानों को मिल पाता है, लेकिन भारत में डेयरी सहकारिताएं उपभोक्ता मूल्य का 70% रिटर्न दूध उत्पादन करने वाले किसानों के बैंक अकाउंट में जमा करती हैं जो भारत की एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। पूरे विश्व को इस मॉडल को अपनाना चाहिए।

उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हर गरीब देश तक दूध उत्पाद पहुँचाकर वसुधैव कुटुम्बकम की भावना को चरितार्थ करना भारत का लक्ष्य है।

 

 

 

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