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कांगड़ा को-ऑप बैंक: दास नेतृत्व वाले पैनल ने जीती सभी सीटें

नेफकॉब के निदेशक और जाने-माने सहकारी नेता लक्ष्मी दास के नेतृत्व वाले पैनल ने दिल्ली स्थित कांगड़ा सहकारी बैंक के चुनाव में सभी सीटों पर जीत हासिल की है।

बैंक का चुनाव रविवार को नई दिल्ली में हुआ। बता दें कि बैंक के बोर्ड में 15 निर्वाचित सदस्य होते हैं, जिनमें से अध्यक्ष और उपाध्यक्ष निर्विरोध चुने गये थे और 13 सीटों के 22 प्रत्याशी मैदान में थे। 3500 से अधिक सदस्यों ने मतदान किया।

इस चुनाव में सभी निर्दलीय उम्मीदवार भारी अंतर से चुनाव हार गए और दास के नेतृत्व वाले पैनल ने प्रचंड जीत हासिल की।

भारतीय सहकारिता से बात करते हुए लक्ष्मी दास ने कहा, “हमारे पैनल ने पूर्ण बहुमत से सभी सीटों पर जीत हासिल की। एक बार फिर हमारे पैनल पर विश्वास जताने के लिए सभी सदस्यों का हार्दिक धन्यवाद। हम उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरेंगे और बैंक को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए मिलकर काम करेंगे।”

“इसके अलावा, हम एनपीए स्तर को नीचे लाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। हम जल्ह दी शेड्यूल स्टेटस पाने के लिए आवेदन करेंगे”, दास ने कहा, जिन्हें एक बार फिर बैंक के अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुना गया है।

बैंक के चुनाव में अमित कुमार पमासी को रिटर्निंग ऑफिसर नियुक्त किया गया था। कांगड़ा सहकारी बैंक की सत्ता पर दास एंड कंपनी की मजबूत पकड़ है। इसे इस तथ्य से भी समझा जा सकता है कि उन्हें लगातार चौथे कार्यकाल के लिए अध्यक्ष के रूप में चुना गया है।

पाठकों को याद होगा कि 33 उम्मीदवारों ने नामांकन-पत्र दाखिल किये थे और सभी वैध पाए गए थे। लेकिन नाम वापस के दिन 14 लोगों ने अपने नाम वापस ले लिये, जिनमें पवन गुलेरिया और राजेंद्र ठाकुर भी शामिल थे, जिन्होंने अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के लिए अपना नामांकन-पत्र दाखिल किया था।

गौरतलब है कि कांगड़ा सहकारी बैंक दिल्ली-एनसीआर का सबसे बड़ा शहरी सहकारी बैंक है। बैंक का कुल व्यापार 1800 करोड़ रुपये से अधिक है और वित्त वर्ष 2020-21 में इसने 9.09 करोड़ रुपये का सकल लाभ अर्जित किया है। पूरी दिल्ली में बैंक की 12 शाखाएं हैं।

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