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नैनो यूरिया खेप को असम के मुख्यमंत्री की हरी झंडी

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पिछले सप्ताह शनिवार को वर्चुअल रूप से इफको नैनो यूरिया से लदे ट्रक को कलोल इकाई से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

इस मौके पर मुख्यमंत्री के अलावा, इफको के वाइस चेयरमैन दिलीप संघानी, प्रबंध निदेशक डॉ यू एस अवस्थी समेत अन्य लोगों ने वर्चुअल रूप से भाग लिया। सरमा के साथ कई सरकारी अधिकारी भी मौजूद थे।

इस मौके पर सरमा ने इफको के प्रयासों की सराहना की और इसे कृषि एवं किसानों के लिए “गेम चेंजर” बताया।

असम के मुख्यमंत्री ने इफको के प्रतिनिधियों से असम में एक नैनो यूरिया संयंत्र स्थापित करने का भी आग्रह किया। उन्होंने सहकारी समितियों से राज्य के किसानों को यूरिया और अन्य उर्वरकों की सुचारू आपूर्ति के लिए उर्वरक वितरण चैनलों को सुव्यवस्थित करने का आग्रह किया।

इस खबर को साझा करते हुए इफको के एमडी ने लिखा, “इफको नैनो यूरिया ट्रक को आज असम के माननीय मुख्यमंत्री ने श्री अतूल बोरा, कृषि और सहकारिता मंत्री, औद्योगिक विकास मंत्री और राज्य एवं इफको के अधिकारियों की उपस्थिति में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।”

गौरतलब है कि शुक्रवार को केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया ने राज्यसभा में इफको नैनो यूरिया की भूरि-भूरि प्रशंसा की थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि फील्ड परीक्षणों में पैदावार और पर्यावरण सुरक्षा दोनों के मामले में इसके प्रभावशाली परिणाम दिखाई पड़े हैं।

जब से इफको ने देश को नैनो यूरिया की सौगात दी है तब से कई राज्य, जैसे तेलंगाना, कर्नाटक और अब असम ने उर्वरक सहकारी संस्था से उनके राज्य में नैनो संयंत्र स्थापित करने का अनुरोध किया है।

पाठकों को याद होगा कि हाल ही में इफको ने नैनो यूरिया के उत्पादन के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (एनएफएल) और राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (आरसीएफ) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।

इफको ने गुजरात के कलोल में स्थापित अपने नैनो उर्वरक संयंत्र से निर्मित नैनो यूरिया (तरल) के निर्यात के लिए उर्वरक विभाग से भी अनुमति मांगी है।

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