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कोरोना का व्यापक भय: सहकारी दफ्तर बंद, वर्क फ्रॉम होम का आदेश

कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों की वजह से देशभर के अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की कमी के चलते सहकारी संस्थाओं ने अपने कार्यालयों को बंद कर दिया है और कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करने का आदेश दिया है।

नई दिल्ली स्थित सहकारी संस्थाओं की शीर्ष संस्था एनसीयूआई के एक अधिकारी ने कहा, “फिलहाल हमारा मुख्यालय बंद है और उम्मीद है कि सोमवार यानि कल खुलेगा। हमारे सीई सुधीर महाजन भी कोरोना वायरस की चपेट में आ गये हैं। इनके अलावा रितेश डे सहित कई अन्य कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव होने के बाद होम क्वारंटाइन में हैं।

उर्वरक सहकारी संस्था इफको का मुख्यालय भी बंद है केवल बिल्डिंग की रखवाली के लिए सुरक्षा गार्डों को तैनात किया गया है। इफको में भी कई लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं, यहां तक कि इसके मार्केटिंग हेड योगेंद्र कुमार को भी कोरोना हो गया था। भारतीय सहकारिता से बातचीत में कुमार ने कहा, “मैं 14 दिनों से होम क्वारंटाइन में था लेकिन अब मैं पूरी तरह से फिट हूं और अपने एमडी डॉ यू.एस.अवस्थी के मार्गदर्शन में काम कर रहा हूं।”

सहकारी ऋणदाता एनसीडीसी केवल 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ काम कर रहा है। एक अधिकारी ने कहा कि कई कोरोना संक्रमित मिलने के बाद भी संस्था के एमडी सुंदीप नायक और पीआर हेड आर वनिता दैनिक आधार पर कार्यालय आ रहे हैं।

इसके अलावा, दूसरी सबसे उर्वरक सहकारी संस्था कृभको ने भी कोरोना केस मिलने के बाद नोएडा स्थित अपने मुख्यालय को बंद किया है। एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, “हम घर से काम कर रहे हैं लेकिन हमारी फैक्ट्रियों में उत्पादन बिना किसी रूकावट के चल रहा है।”

पाठकों को याद होगा कि हाल ही में इफको और कृभको ने घोषणा की थी कि वह अपनी देश-भर में फैली इकाइयों में ऑक्सीजन संयंत्र लगा रहा हैं और अस्पतालों में मुफ्त में आपूर्ति करेंगे।

कृषि सहकारी संस्था नेफेड भी 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ काम कर रहा है। “काम हमेशा की तरह चल रहा है लेेकिन मैं खुद कोरोना वायरस से जूझ रहा हूं”, नेफेड के पीआर हेड तरुण हांडा ने कहा।

अन्य राज्यों में भी स्थिति समान है। सहकारी समितियों ने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति दी है। कोविड -19 के मद्देनजर, महाराष्ट्र सरकार ने अगस्त 2021 तक हाउसिंग सोसाइटी सहित सहकारी निकायों के चुनाव स्थगित कर दिए हैं।

इसके अलावा, सहकारी बैंक भी 50 प्रतिशत कार्यबल के साथ अपने कार्यालय चला रहे हैं। बैंकों ने लोगों से आग्रह किया है कि आपातकालीन स्थिति होने तक वे शाखाओं का दौरा करने से बचें।

सहकारी समितियां कर्मचारियों को कोरोनावायरस के संक्रमण से बचाने के लिए कई आवश्यक कदम उठा रहे हैं।

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