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झुनमुन गुप्ता गबन के दोषी; सहकारी चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध

छत्तीसगढ़ के हाई-प्रोफाइल सहकारी नेता झुनमुन गुप्ता धन गबन के दोषी पाए गए हैं। 

एसडीएम द्वारा की गई जांच में गुप्ता को बालोद जिला सहकारी संघ में अध्यक्ष रहते हुए 40 लाख रुपये के गबन में उनकी संलिप्तता का दोषी पाया गया है। जांच रिपोर्ट के मुताबिक, संघ के पूर्व अध्यक्ष गुप्ता को पूरी राशि का भुगतान करने को कहा गया है और उन पर छह साल के लिए किसी भी सहकारी चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाया गया है।

बता दें कि छत्तीसगढ़ स्थित बालोद जिला सहकारी संघ का चुनाव इस महीने होना है और चुनाव से पहले गुप्ता का नाम इन दिनों मीडिया की सुर्खियों में काफी बना हुआ है। वर्तमान में वह छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी संघ के अध्यक्ष हैं

“भारतीयसहकारिता” संवाददाता से बात करते हुए गुप्ता ने कहा, “मैंने जिला सहकारी संघ के धन का दुरुपयोग नहीं किया है और मैंने पूरी पारदर्शिता के साथ काम किया। यहां तक कि सहकारिता विभाग जिला सहकारी संघ के खातों का हर साल ऑडिट भी करता है और उन्हें कभी कोई अनियमितता नहीं मिली तो मुझ पर धन के दुरुपयोग का सवाल क्यों उठाया जा रहा है, गुप्ता ने कहा, जो रायपुर से विधायक सत्यनारायण शर्मा के काफी करीबी हैं।

जांच रिपोर्ट को गलत बताते हुए गुप्ता ने कहा कि लोग उनकी छवि को धूमिल करने के लिए उनके खिलाफ साजिश रच रहे हैं। रिपोर्ट आधारहीन है।

झुनमुन गुप्ता पर अपने निजी इस्तेमाल के लिए जिला सहकारी यूनियन के वाहन का दुरुपयोग करने का भी आरोप है। इस संदर्भ मेंगुप्ता ने कहा कि वाहन का प्रत्येक रिकॉर्ड जिला सहकारी संघ के बहियों में है।

गुप्ता के खिलाफ जांच किशोरी साहू की शिकायत पर की गयी थी। साहू “सेवा सहकारी सोसायटी मर्यादित”, सोरोर, गुरूर विकास खंड के अध्यक्ष हैं। साहू ने झुनमुन गुप्ता पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान जिला सहकारी संघ को मिले लगभग 40 लाख रुपये के वार्षिक दान का दुरुपयोग किया। गुप्ता 2015 से 2020 तक संघ के अध्यक्ष रहे।

गुप्ता जो खुद को एक वरिष्ठ पत्रकार बताते हैं और कांग्रेस के विधायक सत्यनारायण शर्मा से उनके निकटतम संबंध भी उन्हें एसडीएम की जांच से नहीं बचा पाए, उनके आलोचकों ने कहा।

बालोद जिला सहकारी संघ के चुनाव में मतदाता सूची जारी कर दी गई है और दावा किया जा रहा है कि चुनाव कार्यक्रम जल्द ही जारी किया जाएगा। हालांकि अगस्त में बोर्ड का कार्यकाल समाप्त हो गया था और सरकार ने संघ में प्रशासक नियुक्त कर दिया था लेकिन कोविड के कारण चुनाव प्रक्रिया में देरी हुई है।

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