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53 वें वर्ष में इफको नए अवतार में; स्थापना दिवस पर एमडी का वक्तव्य

उर्वरक सहकारी संस्था इफको का 53वां स्थापना दिवस 3 नवंबर को मनाया गया। इस दिन संस्था के प्रबंध निदेशक डॉ यू.एस.अवस्थी ने किसानों और सहकारी समितियों के साथ मिलकर काम करने का संकल्प लिया।

इफको दुनिया की सबसे बड़ी उर्वरक सहकारी संस्था है, जिसकी स्थापना 3 नवंबर, 1967 को हुई थी। इफको किसानों को गुणवत्ता उर्वरक उपलब्ध कराने के उद्देश्य से अस्तिव में आई थी। इफको से जुड़ी सहकारी समितियों की संख्या वर्ष 1967 में 57 से बढ़कर वर्तमान में 39,800 से अधिक हो गई है।

इस अवसर पर अवस्थी ने अपने संदेश में कहा, “किसानों और सहकारिता को समर्पित विश्व की सबसे बड़ी सहकारी संस्था इफको के 53वें स्थापना दिवस पर आपको हार्दिक बधाइयाँ। आपकी शुभकामनाओं के लिए हृदय से धन्यवाद।”

“इफको की इस अपार सफलता में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, संपूर्ण निदेशक गण, इफको एंव सहयोगी संस्थाओं के सभी कर्मचारी, सहकारी सदस्य, मीडिया, समस्त सहकारी गण एवं किसान बंधुओं का बहुत बड़ा सहयोग है”, उन्होंने कहा।

अवस्थी ने आगे कहा, “मुझे आशा है कि आपकी अपनी सहकारी संस्था इफको इसी प्रकार से निरन्तर प्रगति करेगी और नये-नये आयामों को स्थापित करेगी। हम सभी को गर्व है इफको पर। जय सहकार, जय किसान, जय भारत”।

इस बीच इफको के स्थापना दिवस पर लोगों ने संस्था को बधाई देने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का सहारा लिया। अवस्थी के अनुयायियों में से एक ने लिखा, “आज से 53 वर्ष पूर्व जो पौधा लगाया गया था, आज वह पुष्पित पल्लवित होकर एक वट वृक्ष बन गया है। हम को गर्व है कि हम इतनी महान संस्था से जुड़े हुए हैं। आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं”।

एक अन्य ने लिखा, “देश की आन बान शान, किसानों की जान इफको के स्थापना दिवस पर आपको भी अनन्त शुभकामनाएं सर। इफको की परिकल्पना और गठन करने वाले सहकारिता के अग्रजों को प्रणाम।”

60 के दशक में सहकारी क्षेत्र में उर्वरकों को वितरित करने के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचा था लेकिन कोई उत्पादन सुविधा नहीं थी और आपूर्ति के लिए सार्वजनिक/निजी क्षेत्रों पर निर्भर था। और इसलिए इफको की कल्पना की गई थी।

पाठकों को याद होगा कि 2017 में, इफको ने गुजरात में अपनी कलोल इकाई में स्वर्ण जयंती मनाई थी। इस भव्य कार्यक्रम में भारत के ही नहीं बल्कि दुनिया भर के सहकारी जगत के लोगों ने भाग लिया था।

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