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कृभको: चंद्रपाल का जादू बरकरार, फिर से बने अध्यक्ष, चौधरी बने उपाध्यक्ष

देश के जाने-माने सहकारी नेता और आईसीए एशिया-पैसिफिक के उपाध्यक्ष डॉ चंद्र पाल सिंह यादव को दिल्ली में गत गुरुवार को सर्वसम्मति से दूसरे सबसे बड़े उर्वरक सहकारी- “कृभको” का पुनः अध्यक्ष चुना गया है। यादव राज्यसभा सदस्य भी हैं।

आंध्र प्रदेश के सहकारी नेता और निवर्तमान बोर्ड के सदस्य सुधाकर चौधरी को कृभको का उपाध्यक्ष चुना गया है। बिस्कोमान के चेयरमैन डॉ सुनील कुमार सिंह ने चंद्र पाल का नाम प्रस्तावित किया था, जबकि नेफेड के अध्यक्ष बिजेन्द्र सिंह ने सुधाकर चौधरी के नाम का प्रस्ताव किया था।

रिटर्निंग अधिकारी बी बी श्रीवास्तव ने बोर्ड के सभी नवनिर्वाचित सदस्यों से पूछा कि क्या वे दो शीर्ष पदों के लिए नामांकन दाखिल करना चाहते हैं, लेकिन इन दो नामों -चंद्र पाल और सुधाकर पर सदस्यों के बीच सहमति थी।

शांतिपूर्ण और पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया संपन्न होते-होते पता चला की सबसे बुजुर्ग और विजेता पैनल के एक माने गुरु वी आर पटेल  हार गए हैं। चुनाव अधिकारी ने बताया कि वे भाजपा समर्थित उम्मीदवार मगनभाई के हाथों 48 मतों के अंतर से हार गये।

लेकिन चन्द्र पाल की शानदार जीत से समूह के मनोबल में कोई खास परिवर्तन देखने को नहीं मिला। जैसे ही रिटर्निंग अधिकारी ने चन्द्र पाल को अध्यक्ष पद पर विजयी घोषित किया, लोग उन्हें फूलों का गुलदस्ता देकर बधाई देने के लिए उद्यत हो गए। एनसीयूआई बोर्ड के कक्ष में चंद्र पाल की लोकप्रियता देखी जा सकती थी, जहाँ न केवल कृभको से बल्कि अन्य को-ऑप निकायों से आये लोग भी उन्हें बधाई देने के लिए प्रतीक्षारत थे।

बिस्कोमान अध्यक्ष के नेतृत्व में बिहार से आई टीम ने इस अवसर पर नवनिर्वाचित अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को मिथिला के प्रसिद्ध मखाना से बनी एक विशेष माला पहनाई थी। विजेताओं को बधाई देने के लिए आंध्र, कर्नाटक, गुजरात सहित अन्य क्षेत्रों के लोग भी एक-एक करके आए। एनसीयूआई के अधिकारी भी चन्द्र पाल को शुभकामनाएं देने में पीछे नहीं थे क्योंकि वह उनके भी अध्यक्ष हैं।

पहली बोर्ड बैठक को संबोधित करते हुए, नवनिर्वाचित अध्यक्ष ने चुनाव अधिकारी बी बी श्रीवास्तव को पारदर्शी, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव कराने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कृभको के कर्मचारियों को भी इस प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए धन्यवाद दिया और अंत में उन्होंने उन प्रतिनिधियों का धन्यवाद किया जो भारत के लगभग सभी हिस्सों से चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने आए थे।

कृभको की पहली बोर्ड बैठक में सह-विकल्प के एजेंडे पर भी चर्चा हुई और पूरे बोर्ड ने इसके लिए नए अध्यक्ष को अधिकृत किया।

सुबह से ही एनसीयूआई परिसर में एक उत्सव का माहौल था क्योंकि सैंकड़ों सहकारी नेता सभागार की दूसरी मंजिल पर चल रहे मतदान के परिणामों की प्रतीक्षा में थे। रिटर्निंग ऑफिसर ने अतिरिक्त सावधानी बरती और प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए सीसीटीवी और वीडियो-रिकॉर्डिंग का भी प्रबंध किया। “यह मेरे करियर में सबसे शांतिपूर्ण चुनावों में से एक है”, एक सहकारी नेता ने बताया।

दोपहर 2.30 बजे मतगणना समाप्त होने के बाद, रिटर्निंग ऑफिसर परिणामों की घोषणा करने के लिए सभागार में आए। उन्होंने औपचारिक रूप से प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र से विजेताओं के नाम की घोषणा की जिसमें सुनील कुमार सिंह, बिजेंद्र सिंह, डॉ चंद्र पाल सिंह, परेश पटेल, सुधाकर चौधरी, भंवर सिंह शेखावत और आर राजेंद्र शामिल थे। चंद्र पाल दो सीटों से निर्वाचित घोषित हुए।

निर्वाचन अधिकारी ने निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक 6 में आते हुए कहा कि 239 मतों में से 231 मत पड़े। बोडा ने जहां 88 मत हासिल किए, वहीं मगनभाई को 136 मत प्राप्त हुए।

परिणामों के तुरंत बाद आरओ के साथ नव-निर्वाचित सदस्य सम्मेलन कक्ष में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव करने के लिए बैठे। मात्र चंद्रपाल और सुधाकर चौधरी के नामांकन होने के कारण दोनों को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया।

कृभको से प्राप्त प्रेस विज्ञप्ति में लिखा गया है, “61 वर्षीय डॉ चन्द्र पाल सिंह  स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय श्री ठाकुर प्रसाद यादव के पुत्र हैं।  वह 1981 में एक छात्र नेता के रूप में सुर्खियों में आए, जब वे झांसी के बुंदेलखंड कॉलेज के अध्यक्ष चुने गये। इसके बाद, डॉ सिंह एक लोकप्रिय किसान नेता के रूप में उभरे। 1996 में उन्हें यूपी विधानसभा में विधायक के रूप में चुना गया। 2004 में 13वीं लोकसभा चुनाव में डॉ सिंह झांसी से चुने गए और संसद सदस्य बने। डॉ सिंह राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कई सहकारी संगठनों के बोर्ड में हैं। डॉ सिंह वर्तमान में राज्य सभा के सांसद हैं”।

डॉ सिंह जुलाई 1999 से मई 2010 तक कृभको के अध्यक्ष रहे चुके हैं और उसके बाद फरवरी 2015 से अब तक इस पद पर सुशोभित हैं”,  विज्ञप्ति में कहा गया है।

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