भारतीय रिजर्व बैंक ने उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक की 15 शाखाओं को रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) जारी किया है। अब तक सहकारी बैंक निजी बैंकों के भरोसे यह सुविधा ग्राहकों को देते थे।
राज्य में सहकारी बैंकों की ऑनलाइन बैंकिंग प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।
राज्य के सहकारिता मंत्री डॉ. रावत ने कहा कि, सहकारी बैंकों के लिए ऑनलाइन बैंकिंग प्रणाली को मजबूत करना एक सकारात्मक विकास है जो बैंकों और उनके ग्राहकों दोनों को लाभान्वित करेगा।
उन्होंने आगे कहा कि अभी राज्य सहकारी बैंकों की 15 ब्रांचों को पृथक आरटीजीएस आवंटित हो गए हैं। बैंकों ने सोमवार से इसे लाइव भी कर दिया है।
रावत ने कहा कि, अब तक सहकारी बैंक निजी बैंकों के आरटीजीएस के मातहत काम करते थे। इसमें उन्हें निजी बैंक में 100 करोड़ रुपये करंट खाते में आरटीजीएस के लिए रखना पड़ता था। अब सहकारी बैंक इस पूंजी को अपने पास रखेगा। दूसरी जगह इस पैसे को खर्च कर ब्याज कमाकर उन्नति करेगा।
सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य सहकारी बैंक के बाद 10 जिला सहकारी बैंकों के आरबीआई से आरटीजीएस शीघ्र अलग से लाये जाएंगे। तब तक जिला सहकारी बैंक, राज्य सहकारी बैंकों के आरटीजीएस के सब मेम्बर होंगे।
“जिलों के सहकारी बैंक भी राज्य सहकारी बैंक की भांति 1000 करोड़ रुपये तक निजी बैंकों में आरटीजीएस के लिए जमा रखते थे। यह बड़ी रकम अब राज्य सहकारी बैंक में ही जमा रहेगी”, उन्होंने कहा।
राज्य सहकारी बैंक व 10 जिला सहकारी बैंक का 31 मार्च 2023 तक सकल एनपीए 603 करोड़ था, 31 मार्च 2024 तक 538 करोड़ रह गया है। जिसमें 64 करोड़ एनपीए की वसूली की गई। जबकि बैंकों का नेट एनपीए 31 मार्च 23 तक 221 करोड़ था, 31 मार्च 24 तक 156 करोड़ रह गया। 64 करोड़ रुपये एनपीए की वसूली की गई।