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आरबीआई ने पांच सहकारी बैंकों पर लगाया जुर्माना

भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को पांच सहकारी बैंकों पर जुर्माना लगाया और रामगढि़या सहकारी बैंक पर जारी दिशा-निर्देशों की अवधि को तीन महीने यानी 8 अप्रैल 2024 तक बढ़ा दिया है।

आरबीआई ने नवसर्जन इंडस्ट्रियल को-ऑपरेटिव बैंक, मेहसाणा जिला पंचायत कर्मचारी को-ऑपरेटिव बैंक, हलोल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक, स्तंभाद्रि को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक और सुब्रमण्यनगर को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक पर जुर्माना लगाया है।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि सुब्रमण्यननगर को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, सेलम, तमिलनाडु (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और फर्मों/ संस्थाओं, जिनमें उनके हित हों, को ऋण और अग्रिम’ के साथ पठित भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशक मंडल – यूसीबी’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए 25,000 रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।

वहीं दि स्तंभाद्री को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, खम्मम, तेलंगाना (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और फर्मों/ संस्थाओं, जिनमें उनके हित हों, को ऋण और अग्रिम’ के साथ पठित भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशक मंडल – यूसीबी’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए 50,000 रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।

इसके अलावा, आरबीआई ने दि मेहसाणा जिला पंचायत कर्मचारी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मेहसाणा, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) द्वारा अन्य बैंकों में जमाराशि रखना’ संबंधी निदेशों के अननुपालन और बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26ए(2) के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए 3.00 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।

इसी तरह, नवसर्जन इंडस्ट्रियल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अंकलेश्वर, जिला भरूच, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) द्वारा अन्य बैंकों में जमाराशि रखना’, भारतीय रिज़र्व बैंक (अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)) संबंधी निदेशों के अननुपालन और बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26ए (2) के उल्लंघन के लिए 7.00 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि हलोल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पंचमहल, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशकों आदि को ऋण और अग्रिम – प्रतिभू/ गारंटीकर्ता के रूप में निदेशक – स्पष्टीकरण’ के साथ पठित ‘निदेशकों, रिश्तेदारों और फर्मों/संस्थाओं, जिनमें उनका हित हो, को ऋण और अग्रिम, ‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) द्वारा अन्य बैंकों में जमाराशि रखना’ और ‘(सहकारी बैंक – जमाराशि पर ब्याज दर) निदेश, 2016’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए 2.00 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।

यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्‍त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

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