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महाराष्ट्र यूसीबी एजीएम: को-ऑप फंड बनाने की मांग उठी

महाराष्ट्र अर्बन कोऑपरेटिव बैंक फेडरेशन ने पिछले सप्ताह अपनी 43वीं वार्षिक आम बैठक का आयोजन किया। इस अवसर पर कई शहरी सहकारी बैंकों के पदाधिकारी उपस्थित थे।

इस बैठक की अध्यक्षता फेडरेशन के अध्यक्ष विद्याधर अनस्कर ने की। बैठक के दौरान महाराष्ट्र के पंद्राह शहरी सहकारी बैंकों को विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

अपने संबोधन में अनस्कर ने कहा कि बदलते परिवेश में अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों से जुड़े जमाकर्ताओं के बीच वित्तीय साक्षरता बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि झूठी अफवाहों से उन्हें बचाया जा सके। उन्होंने सुझाव दिया कि वार्षिक रिपोर्ट की मदद से बैंक अपने जमाकर्ताओं के बीच वित्तीय साक्षरता फैला सकता है।

अनस्कर ने जिला और राज्य स्तर पर यूसीबी के लिए को-ऑप फंड बनाने की वकालत की ताकि वित्तीय संकट के समय उन्हें मदद की जा सके। शहरी सहकारी बैंक अपने मुनाफे में से कुछ प्रतिशत हिस्सा इस फंड में दे सकते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के कोष में निवेश से अर्जित लाभ का उपयोग वित्तीय तनाव में बैंकों को तरलता प्रदान करने के लिए किया जा सकता है। अनस्कर ने सदस्यों से म्यूचुअल असिस्टेंट फंड के गठन की भी अपील की।

इस मौके पर  सर्वश्रेष्ठ महिला शहरी सहकारी बैंक का पुरस्कार संमित्र महिला नगरी सहकारी बैंक मर्यादित, चंद्रपुर को दिया गया। 1,000 करोड़ रुपये से अधिक और 2500 करोड़ रुपये से कम डिपॉजिट वाली श्रेणी में, प्रथम पुरस्कार नासिक मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड और द्वितीय पुरस्कार विश्वेश्वर सहकारी बैंक लिमिटेड को दिया गया।

100 करोड़ से कम जमा राशि वाले यूनिट यूसीबी श्रेणी में पहला पुरस्कार श्री गजानन नगरी सहकारी बैंक लिमिटेड, बीड और दूसरा साई संजीवनी सहकारी बैंक लिमिटेड, अहमदनगर को दिया गया।

फेडरेशन के उपाध्यक्ष रमाकांत खेतान ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा। महाराष्ट्र में 502 शहरी सहकारी बैंक हैं, जिनकी 5700 से अधिक शाखाएं हैं।

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