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आरबीआई की देखरेख से लोगों का को-ऑप बैंकों पर बढ़ा भरोसा: पीएम

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली में “जमाकर्ता पहले: गारंटी के साथ व तय समयसीमा में बैंक जमा पर 5 लाख रुपये तक का बीमा भुगतान” विषय पर आयोजित एक समारोह को संबोधित किया।

इस अवसर पर केंद्रीय वित्त मंत्री, वित्त राज्य मंत्री, आरबीआई गवर्नर तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कुछ जमाकर्ताओं को चेक भी सौंपे।

मोदी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में, एक लाख से अधिक जमाकर्ताओं को वर्षों से फंसा उनका पैसा वापस मिल गया है। यह धनराशि 1300 करोड़ रुपये से अधिक है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “ गरीब की चिंता को समझते हुए, मध्यम वर्ग की चिंता को समझते हुए हमने इस राशि को 1 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया है। यानि आज की तारीख में यदि कोई भी बैंक संकट में आता है, तो जमाकर्ताओं को, 5 लाख रुपए तक तो जरूर वापस मिलेगा।” कानून में संशोधन करके एक और समस्या का समाधान किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले जहां पैसा वापसी की कोई समय सीमा नहीं थी, हमारी सरकार ने 90 दिन अर्थात् 3 महीने के भीतर पैसा वापसी (रिफंड) की समय सीमा निर्धारित कर दी है। उन्‍होंने कहा कि बैंक अगर डूबने की स्थिति में भी है, तो 90 दिन के भीतर जमाकर्ताओं को उनका पैसा वापस मिल जाएगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते वर्षों में अनेक छोटे सरकारी बैंकों को बड़े बैंकों के साथ मर्ज करके, उनकी कैपेसिटी, कैपेबिलिटी और ट्रांसपेरेंसी हर प्रकार से सशक्त की गई है। जब आरबीआई, को-ऑपरेटिव बैंकों की निगरानी करेगा तो उससे भी इनके प्रति सामान्य जमाकर्ता का भरोसा और बढ़ेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि समस्या सिर्फ बैंक अकाउंट की ही नहीं थी, बल्कि दूर-सुदूर तक गांवों में बैंकिंग सेवाएं पहुंचाने की भी थी। आज देश के करीब-करीब हर गांव में 5 किलोमीटर के दायरे में बैंक ब्रांच या बैंकिंग कॉरस्पोंडेंट की सुविधा पहुंच चुकी है। उन्होंने कहा कि आज भारत का सामान्य नागरिक कभी भी, कहीं भी, सातों दिन, 24 घंटे, छोटे से छोटा लेनदेन भी डिजिटली कर पा रहा है।

“देश की समृद्धि में बैंकों की बड़ी भूमिका है और बैंकों की समृद्धि के लिए जमाकर्ताओं की राशि सुरक्षित होना भी उतना ही जरूरी है। उन्होंने कहा कि यदि हमें बैंक बचाने हैं, तो जमाकर्ताओं को सुरक्षा देनी ही होगी”, प्रधानमंत्री ने कहा।

उन्होंने ने कहा कि ऐसे अनेक सुधार हैं जिन्होंने 100 साल की सबसे बड़ी आपदा में भी भारत के बैंकिंग सिस्टम को सुचारु रूप से चलाने में मदद की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब दुनिया के समर्थ देश अपने नागरिकों तक मदद पहुंचाने के लिए संघर्ष कर रहे थे, तब भारत ने तेज़ गति से देश के करीब-करीब हर वर्ग तक सीधी मदद पहुंचाई।

जन धन योजना के अंतर्गत खोले गए करोड़ों बैंक खातों में से आधे से अधिक महिलाओं के खाते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण पर इन बैंक खातों का प्रभाव पड़ा है और हमने हाल के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण में भी इसे देखा है।”

महाराष्ट्र से जमाकर्ताओं के पहले कार्यक्रम में 8 केंद्रीय मंत्री शामिल हुए। मुंबई से श्री नितिन गडकरी, पुणे से श्री पीयूष गोयल और ठाणे से श्री परषोत्तम रूपाला शामिल हुए।

केंद्रीय मंत्रियों ने जमा बीमा योजना के आमंत्रित लाभार्थियों से उनके संबंधित स्थानों पर बातचीत की और रिफंड राशि के चेक भी वितरित किए।

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