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शिवालिक के बाद, प्राइम को-ऑप बैंक एसएफबी बनने के लिए आतुर

शिवालिक मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक के बाद गुजरात के सूरत जिले में स्थित प्राइम को-ऑप बैंक खुद को स्मॉल फाइनेंस बैंक में परिवर्तित करने की योजना बना रहा है।

प्राइम बैंक 2 सितंबर 2021 को आयोजित होने वाली वार्षिक आम बैठक के दौरान इस संबंध में एक प्रस्ताव पारित करेगा, बैंक के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान निदेशक आनंद गोकुल बख्शी ने बताया।

उन्होंने फोन पर “भारतीय सहकारिता” संवाददाता से कहा, “हम पूरे भारत में अपना कारोबार बढ़ाना चाहते हैं, लेकिन सहकारी प्रणाली में यह असंभव होगा, इसलिए हमने प्राइम को-ऑप बैंक को एसएफबी में बदलने का फैसला किया है।”

“एसएफबी में बदलने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और औपचारिकताओं को पूरा करने में एक-दो साल लग सकते हैं। एसएफबी में परिवर्तित होने के बाद, हमारे लिए अपने नेटवर्क का विस्तार करना काफी आसान होगा”, पूर्व अध्यक्ष ने रेखांकित किया।

आने वाले समय में अध्यक्ष की महत्वाकांक्षा एचडीएफसी और आईसीआईसीआई बैंक जैसे बड़े बैंकों के साथ प्रतिस्पर्धा करना है।

उन्होंने आगे कहा कि सहकारी निकाय के रूप में बैंक को चलाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। एक लघु वित्त बैंक के रूप में, हम अधिक से अधिक ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए विभिन्न सुविधाओं का लाभ उठाएंगे और सरकारी व्यवसाय प्राप्त करने में सक्षम होंगे।

बता दें कि प्राइम को-ऑप बैंक को “’मैजिक ऑफ मर्जर” का टैग भी दिया गया है क्योंकि साल दर साल बैंक ने कई कमजोर और संकटग्रस्त बैंकों का विलय अपने बैंक में किया है।

इस श्रृंखला में हाल ही में, प्राइम कोऑपरेटिव बैंक ने बड़ौदा ट्रेडर्स को-ऑप बैंक का अधिग्रहण किया और यह इसका 7वां विलय था। हाल के विलय के बारे में बात करते हुए, बख्शी ने कहा कि बैंक 50 साल पुराना है और इसकी दो शाखाएँ हैं जिनका व्यापार 35 करोड़ रुपये से अधिक है। बैंक का कुल अग्रिम 17 करोड़ रुपये का है।

अध्यक्ष ने दावा किया कि विलय किए गए बैंकों के पुराने कर्मचारियों को बरकरार रखा है। “केवल शीर्ष प्रबंधन में बदलाव से इन पुराने कर्मचारियों ने अपने बैंकों को लाभप्रद संस्था में बदलने में अहम भूमिका निभाई है”, बख्शी ने रेखांकित किया।

प्राइम यूसीबी का कुल कारोबार 2400 करोड़ रुपये का है और वित्त वर्ष 2020-21 में 21 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया है। बैंक का शुद्ध एनपीए शून्य है और पूरे गुजरात में इसकी 38 शाखाओं का नेटवर्क है।

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