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मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए फिशकॉफेड ने किया एमओयू

मत्स्य सहकारी समितियों की शीर्ष संस्था “फिशकॉफेड” ने उत्तर प्रदेश स्थित शोभित इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, मेरठ के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।

फिशकॉफेड की ओर से संस्था के प्रबंध निदेशक बी के मिश्र और शोभित इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी की ओर से प्रोफेसर मोनी मदस्वामी ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये।

समझौता ज्ञापन का उद्देश्य ग्रामीण भारत के लिए उपयुक्त संसाधनों को विकसित करना और मत्स्य सहकारी क्षेत्र में अनुसंधान-किसान-विस्तार लिंकेज को मजबूत करना है।

जैसे ही दोनों संगठनों के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए, शोभित इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के कुलाधिपति कुमार शेखर विजेंद्र ने अपने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से फिशकॉफेड को शुभकामनाएं दीं।

एमओयू के अनुसार, “दोनों पक्ष संयुक्त रूप से प्रयास करना चाहती हैं ताकि प्रशिक्षण, अनुसंधान, परामर्श, दस्तावेजीकरण, प्रसार, शिक्षा और नीति अभिभाषण के माध्यम से मत्स्य विपणन में डिजिटल मूल्य श्रृंखला के लिए मत्स्य सूचना नेटवर्क को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण योगदान दे सकें। दोनों पक्ष देश में मत्स्यपालन, विपणन और अन्य संबंधित क्षेत्रों में डिजिटल टेक्नोलोजी लॉजिस्टिक्स के माध्यम से मत्स्यपालन सहकारी समितियों को सशक्त बनाने के लिए आदान-प्रदान कार्यक्रम, सहयोगात्मक प्रशिक्षण, परामर्श, अनुसंधान, प्रलेखन, शिक्षा, नीति अभिभाषण और विकासात्मक शिक्षा के क्षेत्रों को प्रोत्साहित, स्थापित और अनुरक्षित करना चाहती हैं”।

“इसके अलावा, दोनों पार्टियां इस सामान्य लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आपसी समझ को बढ़ावा देना चाहती हैं। यह समझौता इस समझ के साथ असीमित अवधि के लिए वैध रहेगा कि किसी भी पक्ष के उपयुक्त अधिकारी दूसरे पक्ष को तीन माह का लिखित नोटिस देकर  इस एमओयू को समाप्त कर सकते हैं”, यह आगे पढ़ता है।

समझौते में दोनों पक्षों की आपसी लिखित सहमति से संशोधन किया जा सकता है।

भारत में लगभग 22,000 प्राथमिक मत्स्य सहकारी समितियां, 7500 थोक कृषि उपज बाजार और लगभग 25000 ग्रामीण बाजार हैं। सरकार की ‘ईएनएएम’ और ‘एगमार्कनेट परियोजनाएं’ जैसी पहल से कृषि विपणन खंड में क्रांतिकारी तकनीकी का आगाज हुआ है।

ग्रामीण भारत के लिए उपयुक्त मानव संसाधन विकसित करने और मत्स्य सहकारी क्षेत्र में अनुसंधान-किसान-विस्तार लिंकेज को मजबूत करने के लिए, इंस्टीट्यूट डिजिटल मूल्य श्रृंखला के लिए शैक्षणिक और अनुसंधान कार्यक्रमों और मत्स्यपालन आसूचना नेटवर्क के माध्यम से फिशकॉफेड के साथ सहयोगी पहल करना चाहता है, एमओयू के अनुसार।

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