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अमूल के नाम पर बनी फर्जी वेबसाइटें ब्लॉक हों: हाई कोर्ट

दिल्ली हाई कोर्ट की न्यायाधीश सुश्री न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्त ने फर्जी वेबसाइटों को ब्लॉक करने का ऐतिहासिक आदेश दिया है। इससे ऑनलाइन धोखाधड़ी पर लगाम कसेगी। ऐसा अक्सर देखा गया है कि फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह ‘अमूल’ जैसी बड़ी कंपनियों के नाम पर फर्जी वेबसाइट बनाकर नौकरियों, फ्रेंचाइजी या फिर डीलरशिप का झासा देकर भोले-भाले लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं, जीसीएमएमएफ की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक।

कोर्ट के इस आदेश से न कवेल ‘अमूल’ के ट्रेडमार्क अधिकारों का संरक्षण होगा बल्कि लोगों को भी काफी राहत मिली है, जो इनके द्वारा किये गये फ्रॉड का शिकार हो जाते थे। उच्च न्यायालय ने दूरसंचार विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और भारत के राष्ट्रीय इंटरनेट एक्सचेंज को ऐसी फर्जी वेबसाइटों को ब्लॉक करने का निर्देश दिया है।

अमूल, जो देश का सबसे बड़ा डेयरी ब्रांड है, को बड़ी राहत देते हुए न्यायालय ने ‘गोडैडी’, ‘नेम चीप’, ‘फ्रीनॉम’, ‘बिग रॉक’, आदि  जैसी डोमेन रजिस्ट्रार कंपनियों को ‘अमूल’ और इसके नाम से मिलते जुलते डोमेन नाम बेचने पर रोक लगाई है। न्यायालय ने माना कि एक प्रसिद्ध ट्रेडमार्क होने के नाते, ‘अमूल’ इस तरह के संरक्षण के योग्य है। इस आदेश से फर्जी वेबसाइटों के निर्माण पर काफी हद तक लगाम कसेगी।

अमूल को देश भर से विभिन्न लोगों से कई शिकायतें मिल रही थीं, जिसमें फर्जी वेबसाइटों द्वारा ठगे जाने की शिकायत काफी थीं। ऐसी वेबसाइटें अवैध रूप से ‘अमूल’ की डीलरशिप, वितरण, नौकरियों की पेशकश करती थीं और उनसे 25,000 से लेकर 10 लाख रुपये तक जमा कराती थीं। ऐसी शिकायतें मिलने के बाद ‘अमूल’ ने साइबर क्राइम सेल के पास शिकायतें दर्ज कराईं और उन डोमेन रजिस्ट्रारों को भी नोटिस जारी किए, जो इन डोमेन नामों के विक्रेता हैं।

कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया न मिलने के बाद अमूल ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और डेयरी कॉपरेटिव की ओर से एडवोकेट अभिषेक सिंह के कथ्य को सुनकर, न्यायालय ने मामले को गंभीर मानते हुए कहा कि कैसे लोग फर्जी वेबसाइट बनाते हैं जिसमें ‘अमूल’ जैसे जाने-माने ब्रांड के नाम शामिल हैं और डीलरशिप, डिस्ट्रीब्यूटरशिप, फ्रैंचाइज़ी, नौकरी आदि की पेशकश कर जनता को ठगने का काम करते हैं।

न्यायालय ने “गोडैडी” के इस तर्क को सिरे से खारिज कर दिया कि उसे ज्ञात नहीं है कि ऐसी कोई तकनीक है जिसके आधार पर ‘गोडेडी’ यह सुनिश्चित कर सके कि ‘अमूल’ के नाम वाला डोमेन नाम बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं होंगे।

कोविद-19 महामारी के दौरान ऑनलाइन फ्रॉड के मामलों में भारी वृद्धि हुई है। न्यायालय के आदेश से ‘अमूल’ के साथ-साथ बड़े पैमाने पर जनता को भी राहत मिली है।

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