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एनसीयूआई: सहकारी कांग्रेस की तारीख में मामूली बदलाव

सहकारी कांग्रेस में देश के उच्च रैंकिंग वीआईपी सहित राष्ट्रपति की भागीदारी की वजह से कांग्रेस की तारीख में एक मामूली सा बदलाव किया गया है। अब सहकारी कांग्रेस 18 जून की बजाय 25 जून को आयोजित किया जाएगा, एनसीयूआई के अध्यक्ष डॉ. चंद्र पाल सिंह ने बुधवार को भारतीय सहकारिता डॉट कॉम को सूचित करते हुए बताया।

भारतीय सहकारिता डॉट कॉम को एनसीयूआई के मुख्य कार्यकारी डॉ. दिनेश से भी एक मेल प्राप्त हुआ है। मेल के अंतर्गत यह बताया गया है कि हमें यह सूचित करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि भारत के माननीय राष्ट्रपति ने 25 जून 2013 को दोपहर में 12.00 बजे सिरी फोर्ट सभागार, नई दिल्ली में 16 वीं भारतीय सहकारी कांग्रेस का उद्घाटन करने के लिए अपनी सहमति दे दी है।

पहले तारीख 18 जून थी लेकिन केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने बताया कि वह इस दिनांक पर उपलब्ध नहीं है। अंत में एक तारीख भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी, कृषि मंत्री शरद पवार की उपलब्धता के साथ स्थल (श्री फोर्ट ऑडिटोरियम) के लिए अंकित किया गया है।

यह विशाल समारोह दिनाँक 25 -26 यानी दो दिन तक जारी रहेगा और इसमें पूरे भारत और विदेश से लगभग 1,500 से 2,000 प्रतिनिधि भाग लेंगे।

कांग्रेस में सहकारी क्षेत्र की प्रगति की समीक्षा और इस क्षेत्र में पहले से व्याप्त आकस्मिक समस्याओं के मद्देनजर नीति के दिशा निर्देशों पर चर्चा की जाएगी। कांग्रेस की थीम ‘सहकारी उद्यम से एक बेहतर दुनिया बनाएँ है।

मुख्यमंत्रियों, राज्यपालों और विभिन्न राज्यों के सहकारिता मंत्रियों के इस अवसर पर आने की संभावना हैं। कांग्रेस में सभी सहकारी सेक्टोरल क्षेत्रों में फैली सफलता की कहानी पर प्रकाश डाला जाएगा और सहकारिता में सूचना के अधिकार पर एक किताब के प्रकाशन को रिलीज किया जाएगा।

चन्द्र पाल सिंह, अध्यक्ष, एनसीयूआई ने कहा कि यह कांग्रेस भारत में सहकारी क्षेत्र की सबसे बड़ी छवि का निर्माण करेगी।

देश में 6 लाख से अधिक सहकारी समितियां हैं। सहकारी समितियों ने गांवों को 100% और ग्रामीणों को 75% कवर कर रखा है। सहकारी समितियों की कृषि ऋण, आवास, चीनी, दूध, पर्यटन, मत्स्य, कताई, पर्यटन, उर्वरक, आदि जैसे सामाजिक-आर्थिक गतिविधियों के लगभग सभी क्षेत्रों में एक मजबूत उपस्थिति है।

दूध सहकारी समितियों के महत्वपूर्ण योगदान के कारण भारत विश्व में दूध का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। अमूल, इफको और कृभको सहकारी क्षेत्र में सबसे बड़ी सफलता की कहानी ह

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