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योजना आयोग की सीमा को सहकारी समितियां हरा सकती हैं – चन्द्र पाल

NCUI के अध्यक्ष चन्द्र पाल सिंह यादव ने जोर दिया कि प्रति नागरिक प्रति दिन 32 रुपये के योजना आयोग की सीमा को धराशायी करने में सहकारिता सक्षम है. उन्होंने जोर देकर कहा है कि सहकारी समितियां अपने प्रत्येक सदस्य की आमदनी प्रतिदिन 200/- रुपये तक बढ़ सकती है. उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि सहकारी समितियों पर अधिक ध्यान केंद्रित करे.

शुक्रवार को दिल्ली में भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ द्वारा आयोजित 58वां अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह की पूर्व संध्या पर बोलते हुए श्री यादव ने कहा की पंच वर्षीय योजना में सहकारी समितियों पर एक शब्द भी नहीं कहा जाता है हालांकि हमारी सदस्य संख्या लगभग 23 करोड़ है.

देश में 6 लाख गांव हैं और एक लाख PACs (प्राथमिक कृषि सहकारी सोसायटी) है. सहकारी समितियां आसानी से गांव में आखिरी आदमी तक पहुंच सकती हैं, उन्होंने कहा. लेकिन जब हम पूरे बजट भाषण में सहकारी समितियों पर एक शब्द भी नहीं सुनते हैं तो हमें दुख होता है, उन्होंने कहा.

सहकारी समितियों में भ्रष्टाचार पर उठाए एक सवाल पर अध्यक्ष ने उसके बुरे प्रभाव को स्वीकार किया और कहा कि हम इसका विरोध करते हैं और जांच एजेंसियों के काम का स्वागत करेंगे. पाठकों को याद होगा कि नैफेड घोटाले ने पूरे सहकारी जगत का सिर चकरा दिया था.

उन्होंने कहा कि पेशेवर तर्ज पर काम करने के लिए सहकारी मानव संसाधन विकास को मजबूत बनाना आवश्यक है.  एशिया में भारत के पास सहकारी क्षेत्र में मानव संसाधन विकास संस्थानों का सबसे बड़ा नेटवर्क है, लेकिन मौजूदा बुनियादी ढांचे और फंड की उपलब्धता अपर्याप्त हैं.

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