ताजा खबरें

केंद्रीय मंत्रियों ने राज्यों से नैनो यूरिया पर की चर्चा

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर तथा केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने संयुक्त रूप से राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के कृषि मंत्रियों के साथ उर्वरकों की मौजूदा स्थिति के बारे में समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने खरीफ सत्र – 2022 (01.04.2022 से 30.09.2022 तक) के लिए फॉस्फेटिक और पोटासिक (पीएंडके) उर्वरकों के लिए पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दरों के लिए उर्वरक विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति दी थी।

एनबीएस खरीफ-2022 (01.04.2022 से 30.09.2022 तक) के लिए मंत्रिमंडल द्वारा 60,939.23 करोड़ रुपये की अनुमोदित सब्सिडी में माल ढुलाई सब्सिडी के माध्यम से स्वदेशी उर्वरक (एसएसपी) के लिए समर्थन और डीएपी के स्वदेशी विनिर्माण तथा आयात के लिए अतिरिक्त सहायता शामिल है।

इस अवसर पर अपने संबोधन में डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा, “यूरिया, डीएपी और एनपीके तथा अन्य उर्वरकों की आपूर्ति में सरकार के सक्रिय प्रयासों के साथ, वर्तमान में, हमारे पास इस खरीफ मौसम के लिए उर्वरकों की आपूर्ति के लिए अपेक्षित मांग की तुलना में अधिक स्टॉक है।”

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि डाई -अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) और इसके कच्चे माल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में वृद्धि को मुख्य रूप से केंद्र सरकार द्वारा वहन किया गया है।

उन्होंने राज्यों को सलाह दी कि वे किसानों को उपलब्धता के संबंध में पर्याप्त और सटीक जानकारी प्रदान करते रहें और न तो घबराहट की स्थिति पैदा करें और न ही उर्वरक स्टॉक से संबंधित गलत जानकारी फैलाएँ।

केंद्रीय मंत्री ने जमाखोरी, कालाबाजारी या उर्वरकों के डायवर्जन जैसे कदाचार की समस्या से निपटने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि ऐसे अनुचित मामले में सरकार सख्त कार्रवाई करेगी। उन्होंने राज्यों से किसानों को उर्वरक बाजार में हाल के रुझानों के बारे में जागरूक करने और वैकल्पिक उर्वरकों तथा कृषि प्रणालियों जैसे नैनो यूरिया के उपयोग और जैविक खेती को बढ़ावा देने का आग्रह किया।

केंद्र सरकार ने 1650 रुपये प्रति बैग की मौजूदा सब्सिडी के बजाय डीएपी पर 2501 रुपये प्रति बैग की सब्सिडी प्रदान करने का फैसला किया है। इस वर्ष की सब्सिडी में पिछले वर्ष की सब्सिडी की दरों में 50 प्रतिशत की वृद्धि है। डीएपी और उसके कच्चे माल की कीमतों में लगभग 80 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि इससे किसानों को रियायती, सस्ती और उचित दरों पर अधिसूचित पीएण्डके उर्वरक प्राप्त करने और कृषि क्षेत्र का समर्थन करने में मदद मिलेगी।

केंद्रीय मंत्री ने राज्यों को सलाह दी कि वे आवश्यकता के अनुसार सख्ती से राज्यों के भीतर उर्वरक आंदोलन की सूक्ष्म योजना बनाएं और रोलिंग स्टॉक के बेहतर उपयोग के लिए रेक की समय पर अनलोडिंग करें। राज्यों को विशेष रूप से सहकारी चैनल में उर्वरकों की उपलब्धता के बारे में पहले से पर्याप्त व्यवस्था करने की भी सलाह दी गई थी।

भारत में उर्वरकों की मौजूदा स्थिति पर चर्चा करते हुए, केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि क्षेत्र एक बड़ी आबादी को रोजगार प्रदान करने वाला एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। “हम कृषि के लिए सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो हमारे लिए प्राथमिकता वाला क्षेत्र है। चाहे निवेश, किसान क्रेडिट कार्ड, बीमा योजनाएं, फसल विविधीकरण या बागवानी की बात हो, हमने हमेशा इस क्षेत्र को मजबूत करने के लिए काम किया है।

कृषि उत्पादन में, हम हमेशा अग्रणी रहे हैं और एक वैश्विक नेता हैं। उर्वरक कृषि उत्पादन का एक महत्वपूर्ण घटक है और हमारा उद्देश्य विभिन्न उर्वरकों पर आयात निर्भरता को कम करना है। माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में, हम अपने देश के किसानों को सस्ती उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

 

Tags
Show More

Related Articles

Back to top button
Close