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नैनो यूरिया की सफलता से उत्साहित इफको नई तकनीक पर देगा ध्यान; एमडी का संवाद

हर साल की तरह इस साल की शुरुआत में भी उर्वरक सहकारी संस्था इफको के प्रबंध निदेशक डॉ यू एस अवस्थी ने साल भर में इफको की उपलब्धियों और चुनौतियों का वर्णन एक पत्र के माध्यम से किया है।

वर्ष 2021 इफको के लिए कई मायनों में काफी ऐतिहासिक रहा, विशेष रूप से नैनो यूरिया की सफलता को लेकर। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने भी नैनो यूरिया की भूरि-भूरि प्रशंसा की है।

अपने पत्र में अवस्थी ने कहा है कि इफको एक नई तकनीक पर भी काम कर रहा है, जो पौधों की उत्पादकता बढ़ाने और पौधों में पोषक तत्वों की उपलब्धता बढ़ाने में मदद करेगी।

“पीएम के “सहकार से समृद्धि” के दृष्टिकोण के लिए भी इफको प्रतिबद्ध है और देश भर में सहकारी आंदोलन को मजबूत करने के लिए समर्पित है, अवस्थी ने पत्र में लिखा।

कुछ अंशः

प्रिय मित्रो

आप सबको सुखद और समृद्ध नव वर्ष की ढेरों शुभकामनाएँ।

मुझे उम्मीद है कि कृषि में नैनो तकनीक के आने से, वर्ष 2022 में हमारे किसान बंधुओं के जीवन में एक नया सवेरा आएगा। मेरी कामना है कि आप सभी अपने-अपने जीवन में श्रेष्ठ कार्य करते रहें।

मैं आप सबको नव वर्ष की हार्दिक बधाई देता हूँ और वर्ष 2021 की उपलब्धियों और कामयाबियों के लिए आपकी सराहना करता हूँ।
वर्ष 2021 कुल मिलाकर हमारे लिए शानदार रहा है। इसी साल इफको दुनिया का पहला नैनो यूरिया लेकर आया जो मानवता के लिए सदी का आविष्कार है। प्रथम राष्ट्रीय सहकारिता सम्मेलन के दौरान भारत सरकार के केंद्रीय गृह सह सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह जी ने हमारे प्रयासों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। वर्ल्ड कोआपरेटिव मॉनीटर के 10वें संस्करण के अनुसार प्रति व्यक्ति सकल घरेलु उत्पाद पर कारोबार के अनुपात के आधार पर दुनिया के शीर्ष 300 सहकारिताओं में इफको को पहला स्थान प्राप्त हुआ है। यह संस्था और पूरे भारत की सहकारी बिरादरी के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि और गौरव का क्षण है। गौरतलब है कि भारत सरकार के आधिकारिक संचार चैनल MyGov ने भी इस खबर को प्रमुखता से स्थान दिया और आधिकारिक ट्विटर, फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया हैंडल पर विशेष रूप से प्रचारित किया।

नैनो तकनीक के क्षेत्र में प्रवेश के साथ ही इफको पिछले साल उर्वरक क्षेत्र का अगुआ बना रहा। इफको नैनो यूरिया का कृषि-खाद्य क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों में कमी के कारण खाद्य सुरक्षा और उत्पादकता में सुधार आया है। इफको नैनो यूरिया तरल को देश भर के किसानों और भागीदारों की ओर से शानदार प्रतिक्रिया मिली है। यह सब हमारे कलोल संयंत्र स्थित इफको नैनो बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर (एनबीआरसी) की अनुसंधान एवं विकास टीम, वैज्ञानिकों/कृषि वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और विपणन टीम की कड़ी मेहनत और प्रयासों के कारण संभव हुआ है। उल्लेखनीय है कि नैनो डीएपी जैसे अन्य नैनो तकनीक आधारित उत्पादों का भी क्षेत्र प्रशिक्षण देश भर में चल रहा है। नैनो यूरिया और अन्य नैनो उत्पादों का उत्पादन बढ़ाने की दिशा में सभी विनिर्माण इकाइयों में तेजी से काम हो रहा है।

मुझे यह साझा करते हुए खुशी हो रही है कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं भू-विज्ञान राज्य मंत्र डॉ. जितेंद्र सिंह ने संसद में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि हाल ही में कलोल, गुजरात में इफको के नैनो बायोटेक्नोलॉजी अनुसंधान एवं विकास केंद्र ने तरल नैनो यूरिया विकसित किया है जो ठोस यूरिया का एक अच्छा विकल्प हो सकता है। नैनो यूरिया को पौधे 80 प्रतिशत तक अवशोषित कर सकते हैं जो ठोस यूरिया के मुकाबले एक स्थिर कण के रूप में होता है। ठोस यूरिया आयन के रूप में अवशोषित होता है जो अस्थिर होता है। * मुझे विश्वास है कि इन उत्पादों में काफी क्षमता है और यह दुनिया भर के किसानों के लिए एक बड़ी सफलता होगी। किसानों के स्वामित्व वाली सहकारी संस्था के रूप में हमेशा से हमारा प्रयास रहा है कि किसानों के विकास को बढ़ावा देते हुए टिकाऊ कृषि के लक्ष्य तक पहुँचा जाए।

इफको में हम सब सहकारी समितियों और किसानों की सेवा करने और किसानों की आय बढ़ाने के हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में प्रयासरत हैं। मैं यह भी जोड़ना चाहूंगा कि इफको प्रधानमंत्री जी के “सहकार से समृद्धि” के ध्येय के साथ-साथ देश भर में सहकारी आंदोलन को और अधिक मजबूत करने के लिए समर्पित है।

मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि इफको कई नई तकनीकों पर भी काम कर रहा है जो पैदावार बढ़ाने और पौधों को पोषक तत्वों
की उपलब्धता बढ़ाने में मदद करेगी। यह तकनीक न केवल किफायती होगी बल्कि इससे किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी।
हम सबने कोरोना के विनाशकारी रूप को देखा है। ओमिक्रॉन नामक नए कोविड-19 संस्करण के रूप में इसकी वापसी को ध्यान में रखते हुए हम सबको अतिरिक्त सतर्क रहने और कोविड दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करने की आवश्यकता है। परम पिता परमेश्वर से मेरी प्रार्थना है कि वह हम सबको इन विकट परिस्थितियों में सुरक्षित रखे। आशा है कि दुनिया बहुत जल्द कोविड-19 से मुक्त हो जाएगी।

आइए, हम सब नव वर्ष 2022 को कामयाब बनाने के लिए कड़ी मेहनत करना जारी रखें। मैं पुनः आप सबको सुखद और मंगलमय नव वर्ष की शुभकामनाएं देता हूँ और आप सभी से सुरक्षित रहने की अपील करता हूँ।

वर्ष 2022 दो के अंक को चरितार्थ करता है। इस पर एक अज्ञात कवि की पंक्तियाँ हमारे लिए मार्ग प्रशस्त करती हैं।

दो दीप जलें, नयनों के जब,
नव ज्योति लिए, अनुपम सुंदर,
दो पग संकल्प लिए मन में,
अविरल बढ़ते-हो कठिन डगर,
दो हाथ मिलें ताकत बनकर,
हर कठिनाई मिल पार करें,
दो दिल जब भी मिल जाते हैं,
जीवन हो जाता है सुखकर,
दो अंक जहाँ हाँ साथ वहाँ,
वह वर्ष मनोहर अनुपम हो,
खुशियाँ बरसें, सच सपने हों,
बाईसवाँ नव वर्ष सुमंगल हो

स्वस्थ रहें, सुरक्षित रहें

डॉ यू.एस.अवस्थी
इफको, प्रबंध निदेशक

 

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