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महामारी के कारण व्यापार में गिरावट अस्थायी: अमूल एमडी

जीसीएमएमएफ के एमडी आरएस सोढ़ी ने कहा कि देश में टीकाकरण अभियान तेज होने के साथ, डेयरी को-ऑप के व्यापार में वित्तीय वर्ष 2021-22 में जबरदस्त उछाल आने की संभावना है।

सोढ़ी ने पीटीआई की एक रिपोर्ट के मद्देजनर प्रतिक्रिया देते हुए कहा। रिपोर्ट में कहा गया कि जीसीएमएमएफ का कुल कारोबार 2 प्रतिशत से बढ़कर 39,200 करोड़ रुपये हो गया। अमूल ने पिछले वित्त वर्ष में भारी वृद्धि दर्ज की थी और कारोबार 38,550 करोड़ रुपये का था।

“भारतीयसहकारिता” से बात करते हुए सोढ़ी ने कहा कि लॉकडाउन के कारण अमूल के कई उत्पादों, जैसे आइसक्रीम, स्किम्ड मिल्क पाउडर, आदि की बिक्री में कमी आई है। सोढ़ी ने कहा कि बिक्री में कमी का एक कारण होटल उद्योग पूरी तरह से बंद होना था।

हालांकि, अमूल ने ताजा दूध, पनीर, दही, छाछ जैसे उत्पादों में वृद्धि दर्ज की है। सोढ़ी ने कहा कि विपरित परिस्थितियों के बीच भी अमूल ने अपनी वृद्धि दर को बनाए रखा।

इसके अलावा, अमूल ने अप्रैल 2020 से लेकर नवंबर 2020 के दौरान 250 करोड़ रुपये के डेयरी उत्पादों का निर्यात किया, जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 55 प्रतिशत अधिक है।

कोरोना वायरस से बचने के लिए वैश्विक स्तर पर लगे लॉकडाउन से जीसीएमएमएफ ने स्वास्थ्य पेय पदार्थों को लॉन्च किया था, जिससे संस्था को लाभ हुआ था। अपने उत्पाद पोर्टफोलियो में विविधता लाते हुए संस्था ने कार्बोनेटेड सहित कई नए पेय पेश किए थे।

‘आईसीए-एपी’ के क्षेत्रीय निदेशक बालू अय्यर ने भी अमूल की प्रशंसा करते हुए एक ट्वीट किया। पाठकों को याद होगा कि को-ऑप मॉनीटर रैंकिंग में जीडीपी प्रति कैपिटा पर कारोबार के आधार पर वैश्विक रैंकिंग में अमूल ने दूसरा स्थान हासिल किया था

 

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