ताजा खबरें

कॉस्मॉस बैंक की 114वीं एजीएम; कारोबार 26,500 करोड़ के पार

बाजार में प्रतिकूल स्थिति होने के बावजूद भी दूसरा सबसे बड़ा शहरी सहकारी बैंक- कॉसमॉस कोऑपरेटिव बैंक ने वित्तीय वर्ष 2019-20 में अच्छा प्रदर्शन किया है। बैंक का कुल कारोबार 31 मार्च 2020 तक 26,500 करोड़ के पार पहुंचा।

हाल ही में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित बैंक की 114 वीं वार्षिक आम बैठक में वित्तीय आंकड़ों को साझा किया गया। बैठक में बताया गया कि लॉकडाउन के कारण बैंक वसूली नहीं कर पाया जिसके फलस्वरूप बैंक के एनपीए में थोड़ी बहुत वृद्धि हुई है।

भारतीय सहकारिता से बात करते हुए बैंक के ग्रुप चेयरमैन डॉ मुकुंद अभ्यंकर ने कहा, “यह बेहद ही अफसोस की बात है, कि साइबर अटैक के कारण हम लाभांश वितरित नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि साइबर हमले के कारण बैंक को बड़ी राशि गवानी पड़ी है।”

“हमें उम्मीद है कि 2021 तक हम घाटे से उबर जाएंगे और शेयरधारकों को लाभांश का भुगतान भी करना शुरू कर देंगे। साइबर हमले की वजह से हम इन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं लेकिन हमें यकीन है कि अगले वित्तीय वर्ष तक बैंक की वित्तीय स्थिति में सुधार होगा”, अभ्यंकर ने कहा।

कॉसमॉस बैंक ने इस साल 313.38 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जिसके कारण कॉस्मॉस बैंक को 54.34 करोड़ रुपये का घाटा झेलना पड़ा है। अन्य प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए, शुद्ध घाटा 35.84 करोड़ रुपये है। बैंक की वार्षिक रिपोर्ट में इसके अध्यक्ष मिलिंद काले ने दावा किया कि, अगले वर्ष शुद्ध लाभ दर्ज करने के लिए हम अधिक से अधिक बकाया राशि वसूलने का प्रयास करेंगे।

इसके अलावा, पीएमसी बैंक और यस बैंक में हुए वित्तीय घोटालों के मद्देनजर  जमाकर्ताओं ने सहकारी बैंकों से बड़ी संख्या में जमा राशि निकाली। इसका प्रभाव बैंक के डिपॉजिट बैस पर भी पड़ा था।

वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान, बैंक का ऋण और अग्रिम 11,503 करोड़ रुपये रहा। पिछले साल के मुकाबले इस साल ऋण और अग्रिम में 96 करोड़ रुपये की कमी दर्ज की है।

2019-20 में,  बैंक ने 167.59 करोड़ रुपये की वसूली की है और 120.44 करोड़ रुपये राइट-ऑफ किया है। वसूली की कुल राशि 288.03 करोड़ रुपये है।

31 मार्च 2020 के अंत में, ओवरड्यूस प्रतिशत 7.25%, सकल एनपीए 9.41% और शुद्ध एनपीए 7.15% रहा। बैंक ने विभिन्न कानूनों के तहत कार्रवाई करके अधिकतम वसूली के चुनौतीपूर्ण लक्ष्य को अपनाते हुए गैर-निष्पादित ऋण (एनपीएल) को कम करने का निर्णय लिया है।

बैंक ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए कुल वसूली का लक्ष्य 488.67 करोड़ रुपये निर्धारित किया है। 31 मार्च 2020 तक क्रेडिट डिपॉजिट (सीडी) अनुपात 75.70% था।

Tags
Show More

Related Articles

Back to top button
Close