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सहकारी संस्थाओं में भर्ती घोटाला; योगी का सख्त रुख

उत्तर प्रदेश में सपा शासनकाल के दौरान उत्तर प्रदेश की सहकारी समितियों में हुई नियुक्ति के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोषी अफसरों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज करने की अनुमति दे दी है।

उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक के सहायक प्रबंधक (सामान्य) तथा सहायक प्रबंधक (कंप्यूटर) की वर्ष 2015-16 तथा प्रबंधक व सहायक/कैशियर के पदों पर 2016-17 में की गई भर्तियों में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं।

इस खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए सहकार भारती के उत्तर प्रदेश के महासचिव प्रवीण सिंह जादोन ने ‘भारतीयसहकारिता’ से बात करते हुए कहा, “हमें खुशी है कि योगी सरकार ने समाजवादी पार्टी के शासनकाल के दौरान राज्य के सहकारी बैंकों में हुई अवैध भर्ती के मामले में कार्रवाई के आदेश दिये है। हमने भी पहले इस संबंध में सीएम को कई पत्र लिखे थे।”

उन्होंने आगे कहा, “सपा के नेता राज्य में कई सहकारी समितियों में धन के दुरुपयोग में भी लिप्त हैं। योगी सरकार के साहसिक निर्णय से हमें यकीन है कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा।”

बता दें कि एसआइटी ने प्रकरण में बीते दिनों अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंपी थी और दोषी अधिकारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किए जाने की सिफारिश की थी। मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर नियुक्तियों में धांधली के इस गंभीर मामले में एफआइआर की मंजूरी दिए जाने की जानकारी साझा की है।

एसआइटी की जांच में उत्तर प्रदेश कोआपरेटिव बैंक के तत्कालीन प्रबंध निदेशक हीरालाल यादव व रविकांत सिंह के अलावा उत्तर प्रदेश सहकारी संस्थागत सेवामंडल के तत्कालीन अध्यक्ष रामजतन यादव, सचिव राकेश मिश्र व सदस्य संतोष कुमार श्रीवास्तव के साथ संबंधित भर्ती कराने वाली कंप्यूटर एजेंसी एक्सिस डिजिनेट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारी व कर्मी दोषी पाए गए थे।

 इन सभी पर अब एफआइआर दर्ज होगी। इसके अलावा शासन ने उप्र कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड तथा उप्र सहकारी संस्थागत सेवामंडल की प्रबंध समिति के अन्य अधिकारियों व कर्मियों के विरुद्ध भी धोखाधड़ी व षड्यंत्र समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज किए जाने की मंजूरी दी है।

उल्लेखनीय है कि सपा शासनकाल में वर्ष 2012 से 2017 के मध्य उप्र सहकारी भूमि विकास बैंक, उप्र राज्य भंडारण निगम व उप्र कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड में भर्ती के 49 विज्ञापन जारी हुए थे, जिनमें 40 विज्ञापन के तहत भर्ती की प्रक्रिया पूरी की गई थी। बताया गया कि प्रबंधक, उप महाप्रबंधक, सहायक प्रबंधक, सहायक शाखा आंकिक, सहायक फील्ड आफिसर, सहायक प्रबंधक (कंप्यूटर), वरिष्ठ शाखा प्रबंधक व लिपिक के 2343 पदों पर भर्ती हुई थी।

योगी ने घोटाले में शामिल सभी को जेल भेजने की भी धमकी दी है।

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