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कृषि बिल से निजी निवेश बढ़ेगा, किसान होंगे खुशहाल: तोमर

2020-21 खरीफ सीजन की प्रगति और आगामी रबी सीजन की योजनाओं के लिए ‘रबी अभियान 2020’ पर आयोजित एक राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि यह साल भारतीय कृषि के इतिहास में एक मील का पत्थर सिद्ध हुआ है।

तोमर ने कोविड-19 की विपरीत परिस्थितियों के बावजूद वर्ष 2019 में रिकॉर्ड 296.65 मिलियन टन खाद्यान्न उत्पादन के लिए किसानों और राज्य सरकारों को बधाई दी है। दलहनी फसलों के 23.15 और तिलहनी फसलों के 33.42 मिलियन टन उत्पादन की संभावना है। कपास के उत्पादन में भी उल्लेखनीय वृद्धि होने की संभावना है। अनुमान है कि कपास का उत्पादन भी बढ़कर 354.91 लाख गांठ हो जाएगा जिससे भारत दुनिया में कपास उत्पादन में पहले स्थान पर आ जाएगा।

तोमर ने कहा कि 11 सितंबर 2020 तक खरीफ फसलों की बुआई 1113 लाख हेक्टेयर में हुई है, जो सामान्य बुआई क्षेत्र से 46 लाख हेक्टेयर अधिक है। इससे भारत की खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित होती है। तोमर ने कहा कि कृषि समुदाय और राज्य सरकारें इस उपलब्धि के लिए विशेष रूप से बधाई के पात्र हैं।

कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार कृषि बुनियादी ढांचा और किसानों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए कई क्रांतिकारी कदम उठा रही है। हाल ही में कृषि बुनियादी ढांचा विकास निधि (एआईएफ़) योजना का शुभारंभ किया गया है, जिसमें अगले 4 वर्षों के दौरान एक लाख करोड़ रुपए खर्च किये जाएंगे आएगी।

कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों से उत्पादन के कुल मूल्य आंकलन के आधार पर राज्यों को बजट का आवंटन किया गया है। बैंक से लिए जाने वाले ऋण पर 3% ब्याज की छूट (सबवेंशन) दी गई है, जिससे बैंक ब्याज दरें 5:0 से 5:5 प्रतिशत के बीच होंगी।

10,000 किसान उत्पादक संगठन (एफ़पीओ) भी बनाए जाएंगे ताकि किसान संगठित हो सकें और उन्हें उपज की ऊंची कीमतें मिल सकें। यह संगठन कंपनी या सहकारी अधिनियम के तहत पंजीकृत किए जाएंगे। इसमें से 15% अनुसूचित जनजातीय क्षेत्रों के लिए सुरक्षित रखा जाएगा।

केंद्रीय कृषि मंत्री ने आगे बताया कि कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए किसानों की बाजार स्वतंत्रता से संबंधित दो विधेयक संसद में पारित हुए हैं। कृषि उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सरलीकरण) विधेयक 2020 और कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 से कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों में किसानों की सहभागिता बढ़ेगी।

तोमर ने कहा कि भारत सरकार ने 5 वर्षों में सूक्ष्म सिंचाई के अंतर्गत 100 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करने का लक्ष्य रखा है। पिछले 5 वर्षों में सूक्ष्म सिंचाई व्यवस्था के तहत 47.92 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को कवर किया गया,जिसमें 2019-20 के दौरान 11.72 लाख हेक्टेयर भी शामिल है। यह एक बड़ी उपलब्धि है।

सम्मेलन में 2020-21 के लिए 301 मिलियन टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वनस्पति तेलों के आयात को घटाने के लिए तिलहनी उत्पादन को बढ़ाने पर व्यापक रूप में जोर दिया जा रहा है, जिसमें पाम पौधों की खेती बढ़ाना भी शामिल है। तिलहनी फसलों में सबसे अधिक जोर सरसों के उत्पादन पर रहेगा। इसीलिए इस रबी सीजन के लिए सरसों के उत्पादन का लक्ष्य 92 लाख टन से बढ़ाकर 125 लाख टन किया गया है।

इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण और पंचायती राज राज्यमंत्री श्री पुरुषोत्तम रुपाला और केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी भी उपस्थित थे।

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