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सुमुल डेयरी: वोटिंग समाप्त; नतीजों का इंतजार

सूरत स्थित सुमुल डेयरी के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव परिणाम पूरी तरह से कानूनी दांव-पेंच में उलझ गये हैं। हालांकि चुनाव के लिए मतदान पिछले सप्ताह हुआ लेकिन मतों की गिनती 21 सितंबर को, अदालत के फैसले के बाद होने की उम्मीद है।

सुमुल के  बोर्ड में सरकारी प्रतिनिधियों की नियुक्ति के मुद्दे पर विवाद खड़ा हो गया है। बता दें कि गुजरात सरकार ने डेयरी के बोर्ड में दो प्रतिनिधियों को नियुक्त किया है जिसको चुनौती देते हुए कांग्रेस के 4 निदेशकों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

दिलचस्प बात यह है कि चुनावी मैदान में खड़े दो पैनलों ने सहकारी संबद्धता के आधार पर चुनाव लड़ा था लेकिन राजनीतिक आधार पर अब कांग्रेसी अलग-थलग हो गए हैं। निदेशकों के चुनाव में प्रत्येक पैनल में भाजपा और काँग्रेस के प्रतिनिधि थे।

हालांकि कांग्रेस नेताओं के अलग होने का प्रभाव जमीनी स्तर पर नहीं पड़ेगा क्योंकि भाजपा के निदेशक मानसिंह पटेल और राजेश पाठक को निर्वाचित बोर्ड का भारी समर्थन प्राप्त है। सूत्रों के अनुसार, वे डेयरी के क्रमशः अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बनने वाले हैं।

सूत्रों ने बताया कि पटेल और पाठक दोनों को 15-15 वोट मिले, जिसका मतलब है कि उन्हें बोर्ड का भारी समर्थन प्राप्त है। मतदान प्रक्रिया सूरत के चोरयासी प्रांत के एसडीएम की देखरेख में संपन्न हुई।

सुमुल  जीसीएमएमएफ के दुग्ध संघों में से एक है जो अपने उत्पादों को अमूल के ब्रांड नाम के तहत बेचता है। यह पहली बार है जब सुमुल डेयरी के बोर्ड में सरकार के दो प्रतिनिधि शामिल हुए हैं।

16 निर्वाचित निदेशकों में से केवल चार कांग्रेस से जुड़े हैं। अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद के लिए कुल 19 वोट थे जिसमें 16 निर्वाचित निदेशक, दो सरकारी प्रतिनिधि और एक जिला रजिस्ट्रार शामिल थे।

पाठकों को याद होगा कि भाजपा आलाकमान निर्विरोध चुनाव कराने में विफल रहा। लेकिन अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव से ठीक पहले, भाजपा निदेशकों की एक बैठक बुलाई गई थी। शीर्ष पद के लिए मानसिंह पटेल और उपाध्यक्ष पद के लिए राजेश पाठक के नाम का जनादेश मिला था।

भाजपा के निदेशक मानसिंहभाई पटेल और राजेश पाठक दोनों ने क्रमशः अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया, जबकि इन दोनों पदों के लिए कांग्रेस के निदेशक सुनील गामित और भरत पटेल ने नामांकन दाखिल किया था।

पाठकों को याद होगा कि राजू पाठक और मानसिंहभाई पटेल के नेतृत्व में दो पैनल दौड़ में थे और दिलचस्प रूप से दोनों पैनल ने 8-8 सीटें जीतीं, जिसमें अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनावों में भी देरी हुई। पाठकों को याद होगा कि औसतन 783 मतदाताओं (98 %) ने वोट डाले थे।

सुमुल डेयरी बोर्ड में 16 निदेशक होते हैं। सूरत और तापी जिले  में क्रमश: नौ और सात तालुका हैं और प्रत्येक तालुका से केवल एक निर्देशक चुना जाता है।

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