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अमूल एफएमसीजी रैंकिंग में दूसरे पायदान पर

अमूल ब्रांड नाम के तहत डेयरी उत्पाद बनाने वाली कंपनी, गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ (जीसीएमएमएफ) ने भारत में तेजी से बिकने वाली उपभोक्ता वस्तुओं (एफएमसीजी) की रैंकिंग में दूसरे पायदान पर जगह बनाई है। पारले ब्रांड शीर्ष स्थान बनाये रखने में सफल हुआ है।

इसके अलावा दो अन्य सहकारी संस्थाएं जिसमें तमिलनाडु कोऑपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स फेडरेशन लिमिटेड, जो ‘एविन’ नाम से उत्पाद बेचता है और कर्नाटक कोऑपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स फेडरेशन लिमिटेड, जो ‘नंदिनी’ ब्रांड नाम के तहत अपने उत्पाद बेचता है, ने क्रमशः सातवें और आठवें स्थान पर अपनी जगह बनाई।

बता दें कि कैंटार वर्ल्ड पैनल डिवीजन ने पिछले हफ्ते अपनी रिपोर्ट “ब्रांड फुटप्रिंट 2020” का आठवां संस्करण जारी किया, जो उपभोक्ता पहुंच बिंदुओं के आधार पर एफएमसीजी ब्रांडों की वार्षिक रैंकिंग प्रस्तुत करता है।

इस खबर से उल्लसित, जीसीएमएमएफ के एमडी आरएस सोढ़ी ने ट्वीट किया, “भारत में शीर्ष 3 एफएमसीजी ब्रांड्स के बीच किसान का स्वामित्व वाला ब्रांड ‘अमूल’। यह किसान के व्यापार कौशल और बुद्धिमत्ता को दर्शाता है। @ अमूल_कोप @ गिरिराजसिंहबीजेपी @ अतुल1चतुर्वेदी”।

खबर को सोशल मीडिया पर साझा करते ही अनुयायियों ने सोढ़ी और उनकी टीम को बधाई देना शुरू कर दिया।

सोढ़ी के अनुयायियों में से एक ने ट्वीट किया, “बधाई हो सर! क्या सराहनीय उपलब्धि है। आप और आपकी टीम को बधाई”। “ब्रांड बनाना, जीवित रखना, ब्रांड को शीर्ष पर रखना, यह शीर्ष प्रबंधन चरित्र और समर्पण पर निर्भर करता है। इसलिए ब्रांड की सफलता ब्रांड के मालिक की सफलता है”, एक अन्य ने लिखा।

रिपोर्ट के मुताबिक, पार्ले शीर्ष पर है, अमूल दूसरे स्थान पर और क्लिनिक प्लस तीसरे स्थान पर है, जबकि ब्रिटानिया, घड़ी, टाटा, अविन, नंदिनी, कोलगेट और व्हील सूची में शीर्ष 10 में हैं।

बाजार अनुसंधान एजेंसी ने कहा कि शीर्ष 50 सूची में दो-तिहाई भारतीय मूल के ब्रांड शामिल हैं, लेकिन पिछले साल की उनकी वृद्धि केवल 16 प्रतिशत थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक ब्रांड ने शीर्ष 50 की सूची में एक तिहाई स्थान प्राप्त किया है।  पिछले वर्ष की तुलना में इनकी 29 प्रतिशत वृद्धि हुई है।

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