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इफको के उत्पादन में सर्वाधिक वृद्धि; पुराने सभी रिकॉर्ड टूटे

कोरोना वायरस के बढ़ते कहर के बीच, उर्वरक सहकारी संस्था इफको से एक अच्छी खबर आ रही है। सहकारी संस्था ने अपने सभी रिकॉर्ड को तोड़ते हुए वित्त वर्ष 2019-20 में सबसे अधिक उर्वरक का उत्पादन और बिक्री की है।

“वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान हम 1000 करोड़ रूपए से अधिक का कर पूर्व लाभ अर्जित करने में सफल रहे। हमने 48.74 लाख मीट्रिक टन यूरिया और 42.67 लाख मीट्रिक टन कंप्लेक्स उर्वरक (एनपी/एनपीके/डीएपी /डबल्यूएसएफ) सहित कुल 91.41 लाख मीट्रिक टन उर्वरक का उत्पादन किया”, एमडी डॉ यूएस अवस्थी ने घोषणा की।

नैनो फर्टिलाइजर, सिक्किम इफको ऑर्गेनिक्स और इफको बाजार जैसी नई पहलों को बताते हुए, एमडी ने अपनी टीम का उत्साहवर्धन किया और निरंतर समर्थन और मार्गदर्शन के लिए चेयरमैन बी एस नकई और वाइस-चेयरमैन दिलीप संघानी सहित अपने निदेशक मंडल का धन्यवाद किया।

नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत करते हुए, एमडी ने इफको की उपलब्धियों और भविष्य की चुनौतियों को सूचीबद्ध करते हुये एक पत्र लिखा जिसे हम नीचे प्रस्तुत कर रहे हैं–

कुछ अंशः

हम एक असाधारण दौर से गुजर रहे हैं। मैं इस मौके पर आप सभी को यकीन दिलाना चाहता हूं कि हम सम्पूर्ण इफको परिवार की सुरक्षा और बेहतरी के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह भी बताता चलूँ कि इस असाधारण परिस्थिति से निपटने के लिए इफको प्रबंधन लगातार काम कर रहा है।

मैं उन सब लोगों को भी धन्यवाद देना चाहता हूँ जो इस विषम परिस्थिति में भी घर से, संयंत्र में या ग्राउंड जीरो पर कार्य कर रहे हैं ताकि किसानों को समय पर उर्वरक उपलब्ध कराया जा सके। आपको अपने आप पर फक्र होना चाहिए कि इस राष्ट्रीय विपदा के दौरान अन्न उत्पादन में किसानों की मदद करके आप राष्ट्र सेवा कर रहे हैं।

इफको ने इस महामारी से निपटने में भारत सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को मजबूती देने हेतु PM-CARES FUND में 25 करोड़ रुपये का योगदान दिया है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने अपने ट्वीट संदेश में ‘‘ग्रेट जेस्चर, थैंक्यू इफको ‘‘ कहकर इफको द्वारा किए जा रहे प्रयासों की न केवल सराहना की है बल्कि हमारा मनोबल भी बढ़ाया है। यही नहीं देश के विभिन्न हिस्सों में ग्राउंड जीरो पर किसानों और ग्रामीणों को मास्क, हैंड सैनिटाइटर, कीटाणुनाशक साबुन, विटामिन-सी की गोलियां और आवश्यक खाद्य सामग्री की किट आदि का वितरण किया जा रहा है।

इस समय जबकि दुनिया के अधिकांश लोग अपने-अपने घर में रहकर काम कर रहे हैं, हमारे अन्नदाता किसान हमारे लिए खेत में पसीना बहा रहे हैं। मुझे इस बात का फक्र है कि इफको किसानों के साथ मिलकर लगातार काम कर रही है ताकि उन्हें उर्वरक और कृषि आदान समय पर मिल सके। मैं अपने उन सभी कर्मचारियों की सराहना करता हूँ जो राष्ट्रहित में योगदान देते हुए अथक प्रयास कर रहे हैं।

वित्त वर्ष 2019.20 के दौरान हम 1000 करोड़ रूपए से अधिक का कर पूर्व लाभ अर्जित करने में सफल रहे । हमने 48.74 लाख मीट्रिक टन यूरिया और 42.67 लाख मीट्रिक टन कंप्लेक्स उर्वरक (एनपी/एनपीके/डीएपी /डबल्यूएसएफ) सहित कुल 91.41 लाख मीट्रिक टन उर्वरक का उत्पादन किया। इस वित्त वर्ष में हमारी समग्र ऊर्जा खपत (5.285 GCal/MT) अब तक की सबसे कम रही है। हमारी कलोल, फूलपुर और आंवला इकाई ने यूरिया उत्पादन में नया रिकॉर्ड बनाया है। पारादीप इकाई से एनपी/डीएपी का उत्पादन अब तक का सर्वाधिक है।

इफको ने वित्त वर्ष 2019.20 के दौरान कलोल, फूलपुर, आंवला, कांडला, पारादीप और विभिन्न पोर्ट से कुल 133.24 लाख मीट्रिक टन यूरिया/एनपी/एनपीके/डीएपी/डबल्यूएसएफ का डिस्पैच किया जो अब तक का सर्वाधिक वार्षिक डिस्पैच है। कुल मिलाकर वर्ष के दौरान 133.30 लाख मीट्रिक टन की रिकॉर्ड बिक्री की गई। इस शानदार प्रदर्शन के लिए मैं उत्पादन और विपणन टीम को बधाई देता हूँ और उनसे अपील करता हूँ की वे आगे भी इसी तरह अच्छा कार्य करते रहें।

मुझे यह बताते हुए खुशी है कि नैनो आधारित उत्पादों की हमारी महत्वाकांक्षी परियोजना सही राह पर चल रही है। विपणन, अनुसन्धान एवं विकास तथा आईटी की टीम बेहतरीन तालमेल के साथ इस परियोजना पर काम कर रही है। पूरे भारत में नैनो आधारित इन उत्पादों के 11,000 से अधिक क्षेत्रा परीक्षण शुरु किए गए हैं। इन परीक्षणों के उत्साहजनक परिणाम सामने आए हैं। किसानों को अपने उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा में परिवर्तन साफ-साफ दिख रहा है। पोषक तत्वों के प्रयोग के क्षेत्र में यह मील का पत्थर साबित होगा।

वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान हमने दो और महत्वपूर्ण कदम उठाए। पहला-सिक्किम सहित भारत के अन्य पूर्वोत्तर राज्यों के जैविक उत्पादों को बढ़ावा देने और उनके विपणन के लिए सिक्किम इफको ऑर्गेनिक्स प्रा. लिमिटेड की स्थापना और सब्सिडी मुक्त कृषि आदानों की ऑनलाइन बिक्री के लिए हमारे ई-कॉमर्स पोर्टल www.iffcobazar.in की शुरुआत। ये दोनों ऐसे अनूठे कदम हैं जिनमें अपार संभावनाएं हैं। मैं इनसे जुड़ी टीम के सदस्यों को शुभकामनाएं देता हूं।

हमारे सभी संयुक्त उद्यमों ने 2019-20 में बहतरीन कार्य किया है।

हमारे आईटी, मानव संसाधन, वित्त, वाणिज्यिक और अन्य विभागों तथा अलग-अलग स्थानों पर कार्यरत टीमों ने भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। विभागों और टीमों के बीच बेहतरीन तालमेल और समन्वय के कारण ही हम कामयाब रहे।

वित्त वर्ष 2019-20 हमारे लिए अच्छा रहा पर भविष्य के लिए हमारी जिम्मेदारी भी बढ़ गई है। मुझे विश्वास है कि यह रुकावट हमारी आगे की यात्रा में एक छोटा सा पड़ाव सिद्ध होगी और हम पहले से कहीं ज्यादा मजबूत होकर उभरेंगे।

COVID-19 के प्रकोप ने हमें सिखलाया है कि हमें किसी भी संभावित स्थिति के लिए तैयार रहने की जरूरत है। हमें क्रमशः आभासी, डिजिटल और कागज रहित कार्यालय की ओर बढ़ने की आवश्यकता है। हालांकि इफको जैसे विनिर्माण उन्मुख संगठन के लिए यह मुश्किल लग सकता है, लेकिन मौजूदा समय की यही मांग है।

हमें पर्यावरण-हितैषी और कम लागत वाले एवं सब्सिडी मुक्त गुणवत्तापूर्ण पौध पोषक घोल विकसित करने के लिए अपनी अनुसन्धान एवं विकास सुविधाओं को समुन्नत करना है। हम समझते हैं कि हमारे नए पोषक घोल का भारत के किसानों ने स्वागत किया है। मुझे खुशी है कि हम अपनी उत्पाद शृंखला में सागरिका, डब्ल्यूएसएफ और जैविक कीटनाशक जैसे अनूठे उत्पाद जोड़ने के लिए तैयार हैं।

इसी के साथ, मैं आप सभी को नए वित्त वर्ष 2020-21 के लिए हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। मैं इफको के अध्यक्ष श्री बी एस नकई, उपाध्यक्ष श्री दिलीप संघाणी और इफको निदेशक मंडल के सभी सदस्यों को भी धन्यवाद देता हूं जिनका मार्गदर्शन और सहयोग हमें लगातार मिलता रहा। मैं इफको एम्प्लॉईज़ यूनियन तथा इफको ऑफिसर्स एसोसिएशन को भी उनके निरंतर समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूँ।

मैं अपने सभी संयुक्त उद्यम भागीदारों के उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उनके प्रबंधन शुक्रगुजार हूं, भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, उर्वरक विभाग तथा साथ ही भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया का आभारी हूं जिनका हमें बहुमूल्य सहयोग मिलता रहा है।

अंत में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की इन प्रेरक पंक्तियों के साथ मैं आप सबसे अपील करता हूँ कि आप मजबूत रहें, स्वस्थ रहें और सुरक्षित रहें!

“सच है, विपत्ति जब आती है,

कायर को ही दहलाती है

शूरमा नहीं विचलित होते,

क्षण एक नहीं धीरज खोते

विघ्नों को गले लगाते हैं,

काँटों में राह बनाते हैं

मंगलकामनाओं सहित

डॉ. उदय शंकर अवस्थी

प्रबंध निदेशक

इफको

 

 

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