ताजा खबरेंविशेष

केरल की तर्ज पर उत्तराखंड के डीसीसीबी बैंकों का विलय

उत्तराखंड सरकार राज्य सहकारी बैंक यानी “उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक” के साथ सभी जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों का विलय करके राज्य में दो स्तरीय प्रणाली के कार्यान्वयन पर गंभीरता से विचार कर रही है।

राज्य सहकारी बैंक के साथ डीसीसीबी के विलय की तैयारी चल रही है। सरकार ने महसूस किया कि इस कदम से सहकारी बैंक मजबूत होंगे और वे सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम होंगे।

पाठकों को याद होगा कि पहले कांग्रेस सरकार ने भी डीसीसीबी का विलय करने की पहल की थी लेकिन सरे प्रयास विफल रहे। उस समयसहकारी समितियों से जुड़े नेताओं ने इस कदम का कड़ा विरोध किया।

इसी बीचइस पर टिप्पणी करते हुए उत्तराखंड के सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने कहा, “सभी डीसीसीबी को एससीबी के साथ विलय करके सहकारी समितियों में दो स्तरीय प्रणाली को लागू करने पर विचार किया जा रहा है। प्रक्रिया जारी है और जल्द ही निर्णय लिया जाएगा”उन्होंने मीडियाकर्मियों को बताया।

बताया जा रहा है कि राज्य में डीसीसीबी की 270 से अधिक शाखाएँ हैं और एससीबी की राज्य में लगभग 15 शाखाएँ हैं।उत्तराखंड में 10 डीसीसीबी हैं 

बदलती परिस्थितियों के दौर मेंकेंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को मजबूत करने के साथ-साथ डीसीसीबी को भी सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

वर्तमान मेंजबकि राज्य में सहकारी समितियों में त्रि-स्तरीय (पैक्स समितियांजिला सहकारी बैंक और राज्य सहकारी बैंक) प्रणाली काम कर रही हैबैंकिंग परिदृश्य को बदलने के लिए दो स्तरीय प्रणाली की आवश्यकता व्यापक रूप से महसूस की जा रही है।

हाल ही में सहकारी विभाग की समीक्षा बैठक में सहकारी बैंकिंग के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई।

इससे पहले आरबीआई ने छत्तीसगढ़ के छह डीसीसीबी को राज्य सहकारी बैंक में विलय करने पर स्वीकृति दी है। झारखंड पहले ही ऐसा कर चुका है और केरल इस प्रक्रिया में है। हालांकि केरल डीसीसीबी के विलय के खिलाफ सहकार भारती का तर्क सफल नहीं हुआ जब कई भाजपा शासित राज्यों ने खुद इस विचार का समर्थन किया।

Tags
Show More

Related Articles

Back to top button
Close