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आविन-अमूल प्रतिस्पर्धा: शाह ने देश में डेयरी परिदृश्य का किया स्पष्टीकरण

तमिलनाडु के आविन के साथ अमूल की प्रतिस्पर्धा के मुद्दे पर बोलते हुए, केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि तमिल नाडु कोऑपरेटिव मिल्क फेडरेशन (आविन) और गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लि. (जीसीएमएमएफ) (अमूल) अपने संबंधित राज्य सहकारी अधिनियमों के अधीन पंजीकृत हैं।

शाह ने कहा, पशुपालन और डेयरी विभाग द्वारा प्रदत्त सूचना के अनुसार देश में डेयरी विकास की सुगमता के लिए वर्ष 2002 में केंद्रीय सरकार ने दुग्ध और दुग्ध उत्पाद आदेश (एमएमपीओ), 1992 में संशोधन करते हुए इसे अधिक उदार बनाया।

“उपर्युक्त वर्णित संशोधन के अनुसार मिल्कशेड आवंटन करने के प्रावधान हटा दिए गए । अत:, देश में अब किसी को भी कहीं भी डेयरी नेटवर्क स्थापित करने पर कोई रोक नहीं है”, उन्होंने कहा।

केंद्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा, डेयरी सहकारी क्षेत्र में 2.3 लाख गांवों और सदस्य के रूप में 1.8 करोड़ डेयरी किसानों को कवर करते हुए 22 दुग्ध संघ/ शीर्षस्थ निकाय, 240 जिला सहकारी दुग्ध यूनियन, 28 विपणन डेयरी, 24 दुग्ध उत्पादक संगठन हैं।

देश भर में डेयरी सहकारी समितियों को सशक्त करने के लिए पशुपालन और डेयरी विभाग, भारत सरकार डेयरी विकास योजनाएं कार्यान्वित कर रहा है जैसे कि: राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम, डेयरी प्रसंस्करण और अवसंरचना विकास निधि और डेयरी कार्यों में शामिल डेयरी सहकारी समितियों और किसान उत्पादक संगठनों की सहायता।

उन्होंने बताया, संबंधित राज्य सहकारी सोसाइटी अधिनियम के उपबंधों के अधीन होता है और वे सहकारी समितियों के संबंधित राज्य पंजीयक द्वारा विनियमित होते हैं। ऐसी सहकारी समितियां जिनके सदस्य एक से अधिक राज्यों से आते हैं, उनका पंजीकरण केंद्रीय अधिनियम, अर्थात् बहुराज्य सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 2002 के उपबंधों के अधीन होता है और वे सहकारिता मंत्रालय के अधीन सहकारी समितियों के केंद्रीय पंजीयक द्वारा विनियमित होते हैं।

 

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