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वैश्य को-ऑपरेटिव आदर्श बैंक चुनाव: आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरु

वैश्य को-ऑपरेटिव आदर्श बैंक के चुनाव से ठीक पहले उम्मीदवारों के बीच आरोप और प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। अध्यक्ष पद की एक सीट पर मतदान 5 सितंबर 2021 को दिल्ली के पहाड़गंज स्थित नूतन मराठी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में होगा।

इस पद के लिए दो उम्मीदवार चुनावी मैदान में है जिसमें बैंक की पूर्व निदेशक श्रीमती शिखा गर्ग और निवर्तमान अध्यक्ष अरुण कुमार जैन शामिल है।

भारतीय सहकारिता से बातचीत में श्रीमती गर्ग ने आरोप लगाया कि निवर्तमान अध्यक्ष ने नियमों को ताक पर रखकर सदस्य बनाए और चुनाव जीतने के लिए रिटर्निंग अधिकारी को रिश्वत दी। उन्होंने यह भी कहा वह बैंक को अपनी निजी जागीर समझते हैं।

आरोपों का खंडन करते हुए, जैन ने पूछा कि क्या उनके पास इसका कोई सबूत है? हमने नियमों और विनियमों को ध्यान में रखकर सदस्य बनाए हैं। वह केवल चुनाव जीतने के उद्देश्य से झूठे आरोप लगाकर मेरी छवि खराब करने की कोशिश कर रही है। और मुझे पूरा यकीन है कि वह इसमें सफल नहीं होगी।”

अध्यक्ष पद की उम्मीदवार गर्ग ने आगे कहा, “निवर्तमान अध्यक्ष ने अपने कार्यकाल के दौरान बैंक को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए कुछ नहीं किया।”

इसके जवाब में अरुण जैन ने कहा, ‘जब मैंने 2015 में चेयरमैन पद छोड़ा था तो बैंक का मुनाफा करीब 1.5 करोड़ रुपये था। और मेरे बाद मुकेश जैन ने पदभार संभाला था लेकिन बाद में जब मैंने 2018 में फिर से कार्यभार संभाला तो लाभ घटकर केवल 6 लाख रुपये रह गया था। बड़े प्रयासों के बाद हम फिर से लाभ को 38 लाख तक ले जाने में सफल हुए और मुझे यकीन है कि इस वित्तीय वर्ष के अंत तक यह आंकड़ा करोड़ों तक पहुंच जाएगा।”

उन्होंने आगे कहा कि, दिल्ली के जीके-2 में स्थित बैंक की एक संपत्ति पर 1987 से मुकदमा चल रहा है और काफी परिश्रम के बाद हम अधिग्रहण करने में सफल हुए है और 2020 में 13.76 करोड़ रुपये में इसकी नीलामी कर दी। हालांकि कुछ अड़चनों के कारण हम उस पैसों का प्रयोग नहीं कर पा रहे हैं लेकिन हमें यकीन है कि कुछ महीनों में इसका भी समाधान हो जाएगा”, जैन ने कहा।

गर्ग ने जैन और उनकी टीम पर चुनाव अधिकारी को रिश्वत देने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, “अध्यक्ष पद की उम्मीदवार होने के नाते, रिटर्निंग ऑफिसर ने मुझे मतदाता सूची की हार्ड कॉपी के साथ-साथ चुनाव से संबंधित अन्य सामग्री भी उपलब्ध नहीं कराई।”

आरओ का बचाव करते हुए, जैन ने कहा कि चुनाव अधिकारी जी एस चतुर्वेदी एक सेवानिवृत्त आई.ए.एस. अधिकारी है। वह एक सम्मानित व्यक्ति हैं और हमारे खिलाफ उन्हें रिश्वत देने के झूठे आरोप लगाना खेदजनक है”, उन्होंने कहा।

बैंक में जैन के एक समर्थक ने भारतीय सहकारिता से बातचीत में कहा, “हमें यकीन है कि हमारे अध्यक्ष भारी अंतर से चुनाव जीतेंगे और गर्ग 200 से भी कम वोट में सिमट जाएंगी।

बता दें कि बैंक के बोर्ड में 12 निर्वाचित निदेशक होते हैं, जिनमें से 11 निर्विरोध चुने गए हैं। कड़ा मुकाबला सिर्फ एक सीट यानी अध्यक्ष पद के लिए है, जहां दो उम्मीदवार मैदान में हैं।

पाठकों को याद होगा कि श्रीमती शिखा गर्ग ने नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ चुनाव लड़ा था।

इस चुनाव में 35 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किया था, जिनमें से केवल एक पत्र अवैध पाया गया था। लेकिन नाम वापस के दिन 21 उम्मीदवारों ने अपना नाम वापस ले लिया था और 13 उम्मीदवार मैदान में बचे थे। जिनमें से 11 निर्विरोध चुने गये हैं।

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