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75वीं सालगिरह पर अमूल समूह का कारोबार 53000 करोड़ रुपये के पार पहुंचा

75वीं सालगिरह पर अमूल समूह का कारोबार 53000 करोड़ रुपये (7.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर) के पार पहुंच गया है।

रेस्तरां, होटल और कैटरिंग सेगमेंट की मांग पर कोविड महामारी के नकारात्मक प्रभाव के साथ-साथ डेयरी कमोडिटी बाजारों पर प्रतिकूल प्रभाव के बावजूद, जीसीएमएमएफ ने रु. 39,248 करोड़ का कारोबार दर्ज किया, जबकि अमूल समूह का कारोबार रु. 53,000 करोड़ को पार कर गया। वर्ष 2020-21 में, गुजरात सहकारी दूध विपणन संघ (अमूल फेडरेशन) के तहत सभी सदस्य संघों की दूध खरीद ने पिछले वर्ष की तुलना में 14% की वृद्धि दर्ज की हैं।

इस सहकारी संगठन ने महामारी की अवधि के दौरान प्रतिदिन 35-40 लाख लीटर अतिरिक्त दूध का संचालन किया। गुजरात में डेयरी सहकारी समितियों के शीर्ष निकाय के परिणाम 20 जुलाई, 2021 को जीसीएमएमएफ की 47वीं वार्षिक आम बैठक में घोषित किए गए।

वर्ष 2020-21 में अमूल के उपभोक्ता पैक व्यवसाय में 8.1% की वृद्धि हुई, जबकि कोविड के कारण थोक डेयरी वस्तुओं के साथ-साथ रेस्तरां और होटलों की बिक्री में गिरावट आई। इस सहकारी संस्था ने वर्ष 2025 तक अपने समूह के कारोबार को दोगुना कर, 1 लाख करोड़ करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। अमूल वर्तमान में आईएफसीएन की डेयरी संगठनों की वैश्विक रैंकिंग में 8वें स्थान पर है। 2012 में अमूल 18वें स्थान पर था, जीसीएमएमएफ की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक।

अमूल फेडरेशन के अध्यक्ष शामलभाई पटेल ने इस तथ्य पर जोर दिया कि, पिछले ग्यारह वर्षों में हमारी दूध खरीद में 171% की अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है। यह भारी वृद्धि हमारे किसान-सदस्यों को भुगतान किए गए उच्च दूध खरीद मूल्य का परिणाम थी, जिसमें इस अवधि में 136% की वृद्धि हुई है। अत्येधिक लाभकारी मूल्य ने हमें दूध उत्पादन में किसानों की रुचि बनाए रखने में मदद की है और डेयरी से बेहतर रिटर्न ने उन्हें दूध उत्पादन बढ़ाने में अपने निवेश को बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है।

उन्होंने आगे कहा कि, 2020-21 की कोविड महामारी के दौरान अनेक प्रतिबंध और कई अन्य चुनौतियों के बावजूद, हमारी टीम ने यह सुनिश्चित किया कि उपभोक्ताओं को उनके पसंदीदा अमूल उत्पादों की उपलब्धता बनी रहे। उन्होंने नया सहकारिता मंत्रालय बनाने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया और कहा कि इस कदम से लाखों छोटे किसान और व्यापारी लाभान्वित होंगे।

यह सहकारी समितियों की भूमिका को वास्तविक जमीनी स्तर, जन आधारित आंदोलन के रूप में और मजबूत करेगा।

अमूल के अध्यक्ष  ने हाल ही में गुजरात में डेयरी सहकारी समितियों को स्किम्ड दूध पाउडर निर्यात करने के लिए 50 प्रति किलोग्राम रुपये की वित्तीय कोरोना सहायता बढ़ाने के लिए गुजरात सरकार को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि, यह हमारे डेयरी उत्पादकों और किसानों को एसएमपी की कीमतों में अंतरराष्ट्रीय उतार-चढ़ाव से सुरक्षित करेगा और उन्हें लाभ के लिए आश्वस्त करेगा।

अमूल फेडरेशन के उपाध्यक्ष वलमजी हम्बल ने कहा कि, हमारा अंतिम उद्देश्य पूरी दुनिया में सबसे बड़ा डेयरी संगठन बनना है, जो पूरे भारत और दुनियाभर में लोगों के स्वास्थ्य, पोषण और कल्याण को सुनिश्चित करता है, जिससे भारतीय डेयरी किसानों के लिए निरंतर समृद्धि और लाभकारी आजीविका सुनिश्चित हो सके। यह डॉ. वर्गीज कुरियन की विरासत के लिए हमारी उचित श्रद्धांजलि होगी, जिनकी जन्म शताब्दी अमूल सहकारी आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ के साथ मेल खाती है।

अमूल फेडरेशन के प्रबंध निदेशक डॉ. आर.एस. सोढ़ी ने बताया कि, कोविड महामारी के दौरान होटल, रेस्तरां, कैफे और खानपान क्षेत्रों में खपत काफी प्रभावित हुई थी, इसलिए हमने अपना ध्यान अपने उत्पादों की घरेलू खपत बढ़ाने पर केंद्रित किया। हमने अपने मार्केटिंग अभियानों को फिर से डिजाइन किया जिससे उपभोक्ताओं को घर पर हमारे रेस्तरां-शैली के व्यंजन आजमाने के लिए हमारे उत्पादों की श्रृंखला का उपयोग करने के बारे में शिक्षित और सूचित किया जा सके। घरेलू सेगमेंट में हमारे उपभोक्ता उत्पादों की बिक्री में प्रभावशाली वृद्धि ने हमें संस्थागत सेगमेंट से मांग पर प्रभाव को दूर करने में मदद की।

2020-21 में कोविड-19 के दौरान आपूर्ति व्यवस्था का प्रबंधन करना अमूल के लिए चुनौतीपूर्ण था। इस विकट समय के दौरान पूरी अमूल टीम ने अपने चैनल भागीदारों के साथ सच्चे कोविड-योद्धाओं की तरह काम किया और इस चुनौतीपूर्ण समय के दौरान अमूल उत्पादों की पूरी श्रृंखला की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए अपने कर्तव्य का निर्वहन किया।

अमूल सहकारी आंदोलन के 75 वर्ष के उपलक्ष में, तथा अमूल के संस्थापक डॉ. वर्गीज कुरियन की जन्म शताब्दी को ध्यान मे रखते हुए, पूरे वर्ष दौरान कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

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