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देहरादून डीसीसी बैंक में हेराफेरी की आशंका; जांच के आदेश

वित्तीय अनियमितता की शिकायत के मद्देनजर, उत्तराखंड सरकार के संयुक्त सचिव प्रदीप जोशी ने सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार को देहरादून जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष और सचिव के खिलाफ जांच करने का आदेश दिया है।

देहरादून डीसीसीबी के चार निदेशक तेज सिंह, शिव सिंह, अमर चंद शर्मा और विनीता शर्मा ने बैंक के अध्यक्ष और सचिव के खिलाफ कुछ महीनों पहले शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि यह दोनों नियमों को ताक पर रखकर बैंक चला रहे हैं।

दर्ज कराई गई शिकायत में गलत निवेश से लेकर ठेका कर्मचारियों को नौकरी पर रखने के लिए रिश्वत लेने और एजीएम पर खर्च का ब्यौरा नहीं देने से जुड़े कई मुद्दे शामिल हैं। इसमें बोर्ड के सदस्यों द्वारा की गई गोवा यात्रा का भी उल्लेख है।

इन निदेशकों ने सूक्ष्म वित्त में किये गये दस लाख रुपये के निवेश और एक गैर सरकारी संगठन को दिये गये 1.5 लाख रुपये आदि में जांच की मांग की है। पत्र में आरोप लगाया गया कि निदेशक मंडल की गोवा यात्रा का विवरण निदेशक मंडल के समक्ष कभी प्रस्तुत नहीं किया गया।

निदेशकों का आरोप है कि कई मामलों में अध्यक्ष और सचिव ने नियमों को ताक पर रखकर अस्थाई कर्मचारियों को स्थाई कर्मचारी के रूप में पदोन्नत किया गया था और इसके लिए कर्मचारियों से 150000 रुपये की रिश्वत ली गई है।”

उन्होंने यह भी मांग की है कि अध्यक्ष एवं सचिव द्वारा स्वीकृत की गयी ऋण सीमा की भी जांच की जाए।

इस बीच बैंक के अध्यक्ष अमित शाह ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि, कुछ लोगों का एक समूह बैंक की छवि खराब करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि बैंक द्वारा गठित जांच समिति द्वारा दोषी पाए जाने के बाद हमने उनमें से एक शिव सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है।

बैंक के अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि शिकायतकर्ता शिव सिंह को चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी यशवीर सिंह नेगी से कैशियर के पद पर पदोन्नत करने के लिए एक लाख रुपये की रिश्वत लेने का दोषी पाया गया था।

इस बीच संयुक्त सचिव द्वारा पिछले सप्ताह जारी यह पत्र काफी चर्चा में बना हुआ है। आरोपों की पूरी सूची पाठकों के अवलोकन के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके पढ़ी जा सकती है:

https://www.indiancooperative.com/wp-content/uploads/2021/06/Dehradun-DCCB.pdf

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