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देश भर में सहकार भारती के नेताओं ने मनाया स्थापना दिवस

सहकार भारती के नेताओं ने ‘जय सहकार’ के नारे के साथ बड़ी धूम-धाम से 11 जनवरी को अपना स्थापना दिवस मनाया। इस मौके पर देश भर में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिनमें विभिन्न राज्यों के मंत्रियों ने भी भाग लिया।

संस्था के अध्यक्ष रमेश वैद्य ने कोप्पल जिले के गंगावती शहर में आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लिया। वहीं इसके राष्ट्रीय संगठन सचिव संजय पचपोर ने इंदौर के मध्य प्रदेश में आयोजित एक समारोह में शिरकत की। इसके अलावा, सहकार भारती के संस्थापक सदस्यों में से एक सतीश मराठे ने मैंगलोर स्थित विश्वकर्मा सहकारी बैंक परिसर में आयोजित समारोह को संबोधित किया।

सहकार भारती की उत्तर प्रदेश इकाई ने इस अवसर पर उत्तर प्रदेश में एक हाई-वोल्टेज समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें  राज्य के सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा ने भाग लिया। उन्होंने देश के सहकारी आंदोलन के बारे में बात की। इस मौके पर सहकार भारती के राज्य महासचिव डॉ प्रवीण जादौन, यूपी स्टेट कोऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन तेजवीर सिंह, नेफेड के निदेशक अशोक ठाकुर समेत अन्य उपस्थित थें। हॉल सहकारी नेताओं से चकाचक भरा हुआ था।

उत्तर प्रदेश इकाई के अलावा, अन्य इकाइयों ने भी इस अवसर पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया। मुख्य रूप से चर्चा आत्मानिभर भारत में सहकारी समितियों की भूमिका पर केंद्रित थी।

सहकार भारती के संरक्षक ज्योतिंद्रभाई मेहता ने भी संस्था से जुड़े नेताओं को बधाई दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर “बीना संस्कार नहीं सहकार” के नारे का उल्लेख किया।

भारतीय सहकारिता से बात करते हुए संस्था के अध्यक्ष रमेश वैद्य ने कहा कि सौहरदा को-ऑप्स से जुड़े 80 से अधिक सहकारी नेताओं ने सोमवार को गंगावती में आयोजित समारोह में भाग लिया। सहकार भारती देश में सहकारी समितियों से जुड़े मु्द्दों को बेबाकी से उठाती रही है।

मैंगलोर में आयोजित समारोह में 100 से अधिक सहकारी नेताओं समेत 11 चार्टर्ड एकाउंटेंटों ने भाग लिया। कई नेता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े थे। सहकार भारती की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष सतीशचंद्र ने क्रेडिट सहकारी समितियों से आयकर के बोझ को हटाने की मांग की। मराठे ने कहा कि को-ऑप्स आत्मानिभर भारत में अहम भूमिका निभा सकती हैं और सहकारिता इसका एक अच्छा उदाहरण है।

इंदौर में एक अन्य समारोह में, संजय पचपोर ने कहा कि संस्कार के बिना सहकारिता संभव नहीं है। सहकार भारती संस्थाओं से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में हमेशा प्रयासरत है। इस अवसर पर, उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने अनुयायियों के लिए एक वीडियो संदेश भी जारी किया।

इसके अलावा, इफको और अन्य शीर्ष निकाय संगठनों ने भी सहकार भारती को बधाई दी। इफको के एमडी डॉ यू एस अवस्थी ने लिखा, “सहकार भारती और सहकारिता से जुड़े सभी सहकारी बंधुओं को इसके स्थापना दिवस पर हार्दिक बधाई। आशा है कि सहकार भारती देश के हर कोने में अपनी पहुंच बनाये रखेगी। सभी को हार्दिक बधाई ”।

सहकार भारती की स्थापना 1978 में दिवंगत लक्ष्मणराव इनामदार ने पुणे में सहकारी आंदोलन के लाभों के बारे में जनता को बताने के उद्देश्य से की थी।

गौरतलब है कि सहकार भारती ने 2017 में दिल्ली के विज्ञान भवन में लक्ष्मण राव इनामदार शताब्दी वर्ष मनाया था, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया था। मोदी इनामदार को अपना राजनीतिक गुरु मानते हैं।

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