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सूरत डीसीसीबी का अब 10 हजार करोड़ रुपये का लक्ष्य

कोविड-19 महामारी के इस बुरे दौर में भी गुजरात स्थित सूरत जिला सहकारी बैंक ने सभी मापदंडों पर अच्छा प्रदर्शन किया है और 2020-2021 वित्त वर्ष में बैंक ने 8,500 करोड़ रुपये के कारोबार को पार किया है। बैंक ने 2022 तक 10,000 करोड़ रुपये के कारोबार को हासिल करने की योजना बनाई है।

भविष्य की योजनाओं और वित्तीय आंकड़ों को “भारतीयसहकारिता” के साथ साझा करते हुए, बैंक के अध्यक्ष और सुमुल डेयरी के निदेशक नरेशभाई पटेल ने कहा, “कोविड-19 के बावजूद हमारे बैंक ने सभी मापदंडों पर अच्छा प्रदर्शन किया है और बैंक को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है”।

“हालांकि, पहले हमने चालू वित्त वर्ष के अंत तक 10 हजार करोड़ रुपये का कारोबार हासिल करने का लक्ष्य रखा था लेकिन महामारी के दौरान कोई कारोबार नहीं होने के कारण हमने 2022 तक इस आंकड़े को हासिल करने के लिए अपने लक्ष्य को संशोधित किया है”, अध्यक्ष ने आगे कहा।

31 मार्च 2020 तक बैंक का कुल कारोबार 7,877 करोड़ रुपये से बढ़कर 8,650 करोड़ रुपये हो गया। बैंक की जमा राशि 5,389 करोड़ रुपये से बढ़कर 5,928 करोड़ रुपये हो गई जबकि ऋण और अग्रिम 2,488 करोड़ रुपये से बढ़कर 2,722 करोड़ रुपये हो गए”, पटेल ने आंकड़े साझा करते हुए जानकारी दी।

उन्होंने आगे कहा कि हमारे संचालन का क्षेत्र सूरत और तापी जिला है और हम किसानों को उक्त जिलों में फैली 111 शाखाओं के माध्यम से मदद कर रहे हैं। 2400 से अधिक सोसाइटी हमारी शेयरधारक हैं।

बैंक का सकल एनपीए 1.40 प्रतिशत से बढ़कर 2.89 प्रतिशत हो गया और वित्त वर्ष 2019-2020 में नेट एनपीए 2.21 प्रतिशत से घटकर 0.86 प्रतिशत हो गया। इसके अलावा, बैंक का शुद्ध लाभ 15 करोड़ रुपये से बढ़कर 16 करोड़ रुपये हो गया। 31 मार्च 2020 तक बैंक का नेटवर्थ 462 करोड़ रुपये से बढ़कर 491 करोड़ रुपये हो गया।

पटेल ने रेखांकित किया, “हमारा बैंक समाज के समग्र उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है। हमने अस्पतालों, स्कूलों, कॉलेजों और सामाजिक धर्मार्थ संस्थानों को लाखों रुपये दान किए हैं और शैक्षिक संगठनों को दान के लिए एक अलग कोष भी बनाया है”।

पाठकों को याद होगा कि बैंक के पूर्व अध्यक्ष दिलीपभाई भक्त को कृभको द्वारा “सहकारिता शिरोमणि अवार्ड” प्रदान किया गया था।

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