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आईसीए-एपी महिला समिति की बैठक में कोरोना के प्रभाव पर चर्चा

आईसीए-एपी महिला समिति ने हाल ही में एक बेबिनार का आयोजन किया थाजिसमें महिला सहकारी समितियों के व्यापार पर कोविड-19 के प्रभाव पर चर्चा की गई। इस वर्चुअल सेमिनार में एशिया-प्रशांत क्षेत्र के कई देशों से 13 महिलाओं ने भाग लिया।

समिति की अध्यक्षा डॉ नंदिनी आजाद ने वेबिनार की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में महिलाओं द्वारा संचालित बचत और ऋण सहकारी समितियों के व्यापार पर महामारी का प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। अपने अनुभवों को साझा करते हुएउन्होंने कहा कि बचत और ऋण सहकारी समितियों का कारोबार मार्च महीने की शुरुआत से पूरी तरह से डगमगा गया था क्योंकि वसूली करना चुनौती बना गया था और संसाधनों का भारी नुकसान हुआ था।

हालांकिफिर भी इस संकट की घड़ी में इंडियन कोऑपरेटिव नेटवर्क फॉर वीमेन [आइसीएनडब्ल्यू] से जुड़ी गरीब महिलाएं मुश्किलों का डटकर मुकाबला कर रही थीं और उनके सहयोग से महामारी से निपटने में काफी हद तक मदद मिली।

इस अवसर पर जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिकआईसीए-एपी की उपाध्यक्ष सुश्री चिटोस आराई ने उद्घाटन भाषण दिया और जापान में उपभोक्ता सहकारी समितियों पर कोविड-19 के प्रभाव पर बात की। उन्होंने कहा कि वेबिनार के माध्यम से उनको समिति के सदस्यों से मिलने का अवसर मिला। चिटोस ने महामारी से निपटने के लिए आवश्यक और उपयोगी जानकारी दी।

इफको (भारत) के प्रतिनिधि सहित कई सहकारी नेताओं ने भी कोविड-19 के दौरान महिला सहकारी समितियों के समक्ष चुनौतियों पर कई प्रस्तुतियाँ दीं। इनमें से  कुछ चुनौतियाँ  महामारी के दौरान घरेलू हिंसा के मामलों में वृद्धिमानसिक स्वास्थ्य पर प्रभावसहकारी समितियों की प्रतिक्रिया और योजना एवं निर्णय लेने में महिलाओं की सीमित भागीदारी हैं।

प्रतिभागियों ने अपनी सहकारी समितियों द्वारा अपनाई गई व्यावहारिक रणनीतियों को भी साझा किया और सभी स्तरों पर महिला सहकारी समितियों द्वारा उनके स्थानीय ज्ञानसावधानीपूर्वकतत्काल रणनीतियों और कार्यों के माध्यम से निभाई गई गतिशील भूमिका को समझाया। आगामी गतिविधियों की घोषणा के साथ वेबिनार सम्पन्न हुआ।

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