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यूपी के अधिकांश को-ऑप भूमि विकास बैंकों पर भाजपा का कब्जा

उत्तर प्रदेश में सहकारी भूमि विकास बैंकों के चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने ऐतिहासिक जीत हासिल की है। भाजपा के उम्मीदवारों ने राज्य में 320 से अधिक भूमि विकास बैंकों के चुनाव में अधिकांश पर कब्जा कर लिया है। बता दें कि कई दशकों से इन बैंकों पर समाजवादी पार्टी के नेताओं का वर्चस्व था।

इस बीच, भारतीय सहकारिता से बातचीत में विपक्षी दलों के उम्मीदवारों ने सत्तारूढ़ भाजपा पर प्रशासनिक और राजनीतिक दबाव का आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारियों से सांठगांठ करके उन्हें नामांकन पत्र दाखिल करने से रोक गया था।

सपा के कई उम्मीदवारों ने अपने नामांकन पत्र दाखिल किये थे लेकिन दबाव में उन्हें अपना नाम वापस लेना पड़ा। उदाहरण के लिए, जालौन जिले के ओराई शहर से एनसीयूआई प्रमुख और समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सांसद चंद्रपाल सिंह यादव के भाई शिशुपाल सिंह ने अचानक नामांकन-पत्र वापस लेकर अपने समर्थकों को चौंका दिया था।

गाजियाबाद जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के पूर्व निदेशक और सपा नेता योगेंद्र सिंह ने ‘भारतीयसहकारिता’ से बात करते हुए कहा, “भाजपा के दबाव में समाजवादी पार्टी के कई कार्यकर्ता नामांकन-पत्र दाखिल करने में विफल रहे। सपा के नेता राजनीतिक और प्रशासनिक दबाव में अपने नामांकन पत्र दाखिल नहीं कर पाए।”

उल्लेखनीय है कि इनमें से अधिकांश बैंक वित्तीय संकट से जूझ रहे हैं।

भाजपा उम्मीदवार अनिल सिंह को झींझक ब्लॉक से बैंक के अध्यक्ष/शाखा प्रतिनिधि के रूप में चुना गया है, जबकि एक अन्य भाजपा उम्मीदवार रामराज को अकबरपुर ब्लॉक से। डेरापुर ब्लॉक से भाजपा के ही सदस्य महेश सिंह भदोरिया को बैंक का अध्यक्ष निर्विरोध चुना गया। ये सभी ब्लॉक कानपुर देहात जिले में आते हैं।

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के बैंकों पर भी बीजेपी ने जीत हासिल की। फूलपुर ब्रांच से हनुमंत सिंह और फरिहा ब्रांच से बासुदेव यादव चुने गए। रमाकांत राय लालगंज तहसील शाखा से और कांत विजय सिंह बुद्धनपुर तहसीलशाखा से निर्वाचित हुए। जैसे ही वे शाखा प्रतिनिधियों के रूप में निर्विरोध चुने गए, भाजपा लालगंज के जिला अध्यक्ष ऋषि कांत राय ने उन्हें बधाई दी।

उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में नगीना स्थित बैंक के अध्यक्ष के रूप में ठाकुर कृपाल सिंह (भाजपा) निर्विरोध चुने गए हैं ।वह 35 साल से लगातार चुने जा रहे हैं।

इसके अलावा, उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जिले के मंझनपुर शहर से एडवोकेट नर नारायण मिश्र को भी बैंक के अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुना गया है। उन्हें लगातार 11वीं बार अध्यक्ष के रूप में चुना गया है। उत्तर प्रदेश के कबीर नगर जिले के खलीलाबाद शहर से नरेंद्र भारती को अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुना गया है।

शामली जिले में झिंझाना शहर स्थित उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक के शाखा-प्रतिनिधि के चुनाव में भाजपा के राजीव कुमार विजयी हुए हैं।

उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में भाजपा नेताओं ने जिले की सभी नौ शाखाओं पर कब्जा किया। सभी उम्मीदवारों को अध्यक्ष/शाखा प्रतिनिधि के रूप में निर्विरोध चुना गया है।

झांसी जिले में भूमि विकास बैंक की सभी शाखाओं पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा। झांसी मंडल की सभी 11 सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हुए।

पाठकों को याद होगा कि उत्तर प्रदेश के कन्नौज में सहकारी बैंक के चुनाव में नामांकन दाखिल करने के दौरान भाजपा और समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच जमकर लाठी-डंडे चले थे। इससे पहले, वरिष्ठ सहकारी नेता शीशपाल सिंह ने इफको के उपाध्यक्ष और वरिष्ठ भाजपा नेता दिलीप संघानी के समक्ष इस मुद्दे को उठाया था और स्थिति को बेहतर बनाने के लिए उनकी मदद मांगी थी।

यह दृश्य उन दिनों की याद दिलाता है जब समाजवादी पार्टी सत्ता में होती थी। एक गैर-राजनीतिक सहकारी कार्यकर्ता ने कहा कि इतिहास खुद को दोहराता है। बताया  जा रहा है कि राज्य में चुनाव से संबंधित कई कोर्ट केस भी चल रहे हैं।

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